शेखावत की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए 100 से ज्यादा तृणमूल कार्यकर्ता
कोलकाता, तृणमूल कांग्रेस में भाई-भतीजावाद,अपमान और दमन की राजनीति के चलते कार्यकर्ताओं का भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का सिलसिला जारी है। शनिवार को सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा मीडिया विभाग के अचल सिंह मेड़तिया ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कोलकाता प्रवास के दौरान देगंगा और मध्यमग्राम विधानसभा क्षेत्र में गृह संपर्क अभियान के दौरान लोगों का दुःख-दर्द जाना। टीएमसी छोड़कर भाजपा में आए कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए शेखावत ने कहा कि अब लोगों को टीएमसी की असलियत पता चल गई है। टीएमसी के नेताओं,मंत्रियों को अपने ही समर्थकों से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जो हमारे साथ आ रहे हैं, वो मां-माटी-मानुष के महत्व को समझते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आते-आते तृणमूल कांग्रेस खाली हो जाएगी। गृह संपर्क अभियान के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को देखकर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे सड़क पर आ गए। वो पश्चिम बंगाल की वर्तमान सरकार से परेशान हैं। महिलाओं ने शेखावत को बताया कि न तो उनके पास रहने को घर है, न चलने को अच्छी सड़कें हैं, न स्कूल हैं और न दूसरी मूलभूत सुविधाएं ही हैं। शेखावत ने आश्वासन दिया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही लोगों के सभी दुःख-दर्द दूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य की जनता को केंद्र सरकार की 82 योजनाओं से वंचित रखा है।
आयुष्मान योजना होती तो न बिकता घर गृह संपर्क अभियान के दौरान एक महिला ने केंद्रीय मंत्री शेखावत को बताया कि बेटे की रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराने में उनका घर तक बिक गया। शेखावत ने कहा कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू होती तो आपका घर नहीं बिकता। इस पर महिला ने कहा कि इस चुनाव में हम राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे। घुसपैठियों को क्यों दिया बंगाल की जनता का हक देर शाम मध्यमग्राम विधानसभा क्षेत्र में चाय पर चर्चा के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शेखावत ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के नाम पर ममता दीदी ने जो झूठ फैलाया है, उसे उन्हें भुगतना पड़ेगा। जनता पूछ रही है कि हमारा हक छीनकर बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को क्यों दिया? क्या वो आपके दामाद हैं?