• शेखावत ने पूछा, नमक-मिर्च की कंपनियों से कंसंट्रेटर खरीदने का क्या तुक?
  • स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाली और लापरवाही का शिकार

जयपुर, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में “ऑक्सीजन कंसंट्रेटर घोटाला” हुआ है। शनिवार को शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की आड़ में “आपातकाल” के हालात पैदा किए और जनता की जान बचाने का हवाला देकर नीचे से ऊपर तक व्यवस्था में जमे सभी रसूखदारों ने अपने घर भरे।

नमक-मिर्च और एलईडी बनाने वाली कंपनियों से 32 हजार के कंसंट्रेटर 50 हजार में खरीदे गए। जीएसटी भी एडवांस में  5 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत दिया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऊपर से गुणवत्ता खराब बताई जा रही है।

राजस्थान सरकार जनता के सामने आकर साफ करे कि यह घोटाला नहीं तो और क्या है? इसे क्या समझा जाए? क्या सरकार की तरफ से सौदा करने वाले प्रतिनिधि इतने भोले हैं? नमक-मिर्च की कंपनियों से कंसंट्रेटर खरीदने का क्या तुक?

गौरतलब है कि एक दिन पहले भी केंद्रीय मंत्री शेखावत ने राज्य सरकार पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटरों की खरीद में हुई धांधली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि गहलोत जी को अब”आपदा में भी भ्रष्टाचार कैसे करें” शीर्षक से किताब लिखनी चाहिए।

जो अस्पताल स्वयं बीमार हैं, वे मरीजों का क्या इलाज़ करेंगे?:- शेखावत ने स्वास्थ्य सेवाओं पर भी कटाक्ष किया और कहा कि राजस्थान की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाली और लापरवाही का शिकार है।

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सैकड़ों शिकायतों के बाद भी गहलोत सरकार ने अस्पतालों को बुनियादी सुविधाओं तक के लिए मदद देना जरूरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी घर में चैन की नींद सोते हैं लेकिन राजस्थानवासियों को सरकारी अस्पतालों में घर से कूलर-पंखा लाकर जमीन पर लेटने को मजबूर होना पड़ रहा है। जो अस्पताल स्वयं बीमार हैं, वे मरीजों का क्या इलाज़ करेंगे?

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