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जोधपुर, बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान की कार्यकारिणी समिति की अति आवश्यक बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में जगमाल सिंह चौधरी, सुशील कुमार शर्मा, संजय शर्मा, राजेश पंवार व सुनील बेनीवाल सदस्यों ने हिस्सा लिया। विशेष आमंत्रित सदस्यों में बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया के सह.अध्यक्ष सुरेश चंद्र श्रीमाली, इन्द्रराज चौधरी, वाइस.चेयरमैन एवं रतन सिंह राव सह.अध्यक्ष बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।

कार्यकारिणी समिति द्वारा राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जयपुर एवं जोधपुर में स्थित अधिवक्ता भवनों को कोविड-19 केयर सेंटर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि उक्त अधिवक्ता भवनों को तत्काल प्रभाव से कोविड-19 केयर सेंटर शुरू करने हेतु राज्य सरकार एवं राजस्थान उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाए तथा उसमें अधिवक्ताओं एवं उनके परिवारवालों को प्राथमिकता दी जाए।

समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया की राजस्व मंडल में अधिवक्ताओं व न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति बाबत जो रिट याचिकायें राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर एवं जयपुर में विचाराधीन हैं उसमें बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान पार्टी बने तथा इस हेतु अध्यक्ष बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान को अधिकृत किया गया।
समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया की राज्य सरकार से यह अनुरोध किया जाए कि वह जल्द से जल्द बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान को 10 करोड़, दस करोड़ रूपए की राशि प्रदान करे जिसकी घोषणा राज्य के बजट 2021.22 में की गई है।

समिति द्वारा यह भी निर्णय लिया गया की राजस्थान सरकार द्वारा चिरंजीवी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सभी अधिवक्ताओं को पहुंचाने हेतु राज्य में स्थित सभी बार संघों को एक पत्र लिखकर अपने यहाँ शिविर का आयोजन कर इस योजना से सभी अधिवक्ताओं को जोड़ने का अनुरोध किया जाए। राज्य सरकार से अंतिम तिथि जो 30 अप्रैल 2021 है उसे बढ़ाने हेतु अनुरोध किया जाए।

समिति द्वारा हाल ही में कुछ समाचार पत्रों में छपी खबर कि उच्च न्यायालयों में रिटायर्ड जजों की नियुक्ति की जावेगी, का विरोध किया है तथा भारत सरकार से यह मांग की है कि उच्च न्यायालयों में रिटायर्ड जजों की नियुक्ति नहीं की जाए। भारत सरकार से यह मांग की है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में रिक्त पड़े जजों की नियुक्ति का मामला लंबे समय से विचाराधीन है, अतः राजस्थान उच्च न्यायालय में रिक्त पड़े जजों की नियुक्ति शीघ्र की जावे तथा एडवोकेड कोटा से जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पहले आरम्भ कर उनकी नियुक्ति की जाए। समिति द्वारा रेवेन्यू बोर्ड अजमेर व टोंक में जो भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामले दर्ज हुए हैं अखबारों के माध्यम से कुछ अधिवक्ताओं के नाम भी उजागर हुए हैं, इस सम्बन्ध में सम्बंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतियां बार कौंसिल द्वारा मंगा कर उचित कार्यवाही हेतु साधारण सभा की आगामी बैठक में रखे जाने का निर्णय लिया गया।

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