जोधपुर: आईआईटी के नवाचार उत्कृष्टता व राष्ट्र निर्माण के 17 गौरवशाली वर्ष पूरे
स्थापना दिवस पर प्रौद्योगिकी, अखंडता और समावेशी विकास के माध्यम से विकसित भारत के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का जश्न मनाया
जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: आईआईटी के नवाचार उत्कृष्टता व राष्ट्र निर्माण के 17 गौरवशाली वर्ष पूरे। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने शनिवार को लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स-I में एक भव्य समारोह आयोजित कर 18वां स्थापना दिवस मनाया। जिसमें शिक्षण,अनुसंधान और राष्ट्र निर्माण में उत्कृष्टता के अपने मिशन की पुष्टि की गई।
कार्यक्रम में केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल मुख्य अतिथि थे। एएस.किरण कुमार,अध्यक्ष,बोर्ड ऑफ गवर्नर्स भाप्रौसं जोधपुर तथा प्रो अविनाश कुमार अग्रवाल निदेशक भाप्रौसं.जोधपुर उपस्थित थे। स्वागत उद्बोधन में प्रो.अग्रवाल ने संस्थान की यात्रा पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा भाप्रौसं जोधपुर अपना 18वां स्थापना दिवस मना रहा है और हम एक परिवर्तनकारी मोड़ पर खड़े हैं,जो एक विकसित भारत के लिए एक सच्ची अगली पीढ़ी के संस्थान के रूप में उभर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में हमारे संस्थान ने उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। हमारे छात्रों की संख्या 6700+ से अधिक हो गई है,जिसमें यूजी,पीजी और पीएचडी छात्र शामिल हैं और ये छात्र देश-विदेश से आते हैं। संकाय सदस्यों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है,वर्तमान में 280+ संकाय सदस्य हैं और जून 2025 में 19 नए संकाय सदस्यों को नियुक्ति की पेशकश की गई है,जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और मार्गदर्शन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि संस्थान में 14 विभाग और अंतःविषयक स्कूल, और कई आईडीआरपी और उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं,जो ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक,ब्रिज इंजीनियरिंग और स्मार्ट उत्पाद डिज़ाइन से लेकर एप्लाइड एआई और डेटा साइंस में अग्रणी ऑन लाइन बीएससी./बीएस तक, अत्याधुनिक कार्यक्रम प्रदान करते हैं। मातृभाषा हिंदी में शिक्षण को अपनाया गया है और 100 से अधिक छात्र पहले ही नामांकित हो चुके हैं और लचीलेपन,शोध और शीघ्र पीएचडी पूरा करने को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक संरचनाओं में सुधार किया गया है।
उन्होंने बताया इस वर्ष हमने राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन के लिए मानेकशॉ उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन किया, एक नया मेडटेक केंद्र शुरू किया, और एमएससी कार्यक्रमों में दोहरी डिग्री प्रणाली और खेल कोटा शुरू किया। हमने अपने कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों को भी मज़बूत किया है, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुगम बनाया है और बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाया है। नए व्याख्यान कक्ष, छात्रावास,व्यायामशालाएँ और सहकार्य स्थल अब परिसर के पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध बना रहे हैं। स्थिरता,नवाचार और छात्र कल्याण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए हम राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप उत्कृष्टता के एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना जारी रखते हैं। उन्होंने कहा भाप्रौसं जोधपुर 5.0 के लिए हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है: एक तकनीकी रूप से प्रेरित,समावेशी और टिकाऊ भारत के लिए इंजीनियरों,नेताओं और विचारकों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना।
इस अवसर पर अध्यक्ष एएस. किरण कुमार ने कहा कि भारत आज समाज सेवा के लिए स्वदेशी तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। भाप्रौसं जोधपुर जैसे संस्थान नवोन्मेषी समाधान विकसित करके और भविष्य के लिए प्रतिभाओं को पोषित करके इस प्रगति के केंद्र में हैं।
मुख्य अतिथि अर्जुन राम मेघवाल ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने में संस्थान की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि
भाप्रौसं जोधपुर न केवल इंजीनियर तैयार कर रहा है,बल्कि भविष्य के मार्गदर्शक और नेता भी तैयार कर रहा है। जल,ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में इसकी पहल एक मज़बूत राजस्थान और एक मज़बूत भारत का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
इस अवसर पर संस्थान ने संकाय और कर्मचारियों के अनुकरणीय कार्य को मान्यता देने के लिए कई प्रतिष्ठित अनुसंधान और सराहनीय सेवा पुरस्कार प्रदान किए गए। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में अनुसंधान,नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ.अंकुर गुप्ता को वरिष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार (इंजीनियरिंग) प्रदान किया गया।100 से अधिक प्रकाशनों,9 पेटेंटों और कई प्रतिष्ठित फैलोशिप के साथ एक विपुल शोधकर्ता,डॉ. गुप्ता अकादमिक और वैज्ञानिक उत्कृष्टता का उदाहरण हैं।
-डॉ.रमेश के.मीटर को प्रभावशाली अनुसंधान,प्रकाशन और नवाचार के माध्यम से रासायनिक विज्ञान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए वरिष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार (विज्ञान) से सम्मानित किया गया।45 से अधिक समकक्ष-समीक्षित पत्रों और शिक्षण उत्कृष्टता पुरस्कार (2023) और एसईआरबी अर्ली करियर रिसर्च अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों के साथ वह भाप्रौसं जोधपुर में वैज्ञानिक उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
-इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ.आशीष माथुर को युवा शोधकर्ता पुरस्कार (इंजीनियरिंग) प्रदान किया। 50 से अधिक प्रकाशनों और अनेक राष्ट्रीय सम्मानों के साथ डॉ.माथुर प्रारंभिक कैरियर वैज्ञानिक खोज में उत्कृष्टता का उदाहरण हैं।
-डॉ. सूरज श्रीवास्तव को उच्च प्रभाव अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए युवा शोधकर्ता पुरस्कार (इंजीनियरिंग) से सम्मानित किया गया। प्रतिष्ठित फेलोशिप प्राप्त करने वाले और 70 से अधिक शोध पत्रों के लेखक वे भाप्रौसं.जोधपुर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
-डॉ.चंदन पांडे को मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उनके असाधारण शोध योगदान के लिए युवा शोधकर्ता पुरस्कार (इंजीनियरिंग) से सम्मानित किया गया। 210 से अधिक प्रकाशनों और कई राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ वे भाप्रौसं.जोधपुर में अनुसंधान उत्कृष्टता और नवाचार का उदाहरण हैं।
-डॉ. हार्दिक कोठाडिया को प्रभावशाली अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए युवा शोधकर्ता पुरस्कार (इंजीनियरिंग) से सम्मानित किया गया।80 से अधिक प्रकाशनों, 5 पेटेंटों और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता के साथ वे भाप्रौसं.जोधपुर में एक गतिशील प्रारंभिक कैरियर शोधकर्ता के रूप में उभर कर सामने आते हैं।
-डॉ.अनुज पाल कपूर को प्रबंधन और व्यवहार विज्ञान में अनुसंधान में उनके प्रभावशाली योगदान के लिए युवा शोधकर्ता पुरस्कार (एचएसएस और प्रबंधन) से सम्मानित किया गया।अंतर्राष्ट्रीय फेलोशिप और 20 से अधिक प्रकाशनों के साथ वे अंतःविषयक और वैश्विक अनुसंधान में भाप्रौसं जोधपुर की बढ़ती ताकत को दर्शाते हैं।
-डॉ.संदीप मुरारका को कार्बनिक रसायन विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने वाले एंजवेन्टे केमी इंटरनेशनल एडिशन (आईएफ 16.6) में उनके उच्च-प्रभावी प्रकाशन के लिए अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त शोधकर्ता के रूप में वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भाप्रौसं.जोधपुर की शोध उपस्थिति को बढ़ाने में लगे हुए हैं।
-डॉ.अंकुर गुप्ता को एडवांस्ड कंपोजिट्स एंड हाइब्रिड मैटेरियल्स (आईएफ 21.8) में उनके उच्च- प्रभावी प्रकाशन के लिए अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया,जिसमें टिकाऊ जल उपचार प्रौद्योगिकियों में अभिनव कार्य प्रदर्शित किया गया है।उनका शोध वैश्विक उत्कृष्टता का उदाहरण है और उन्नत इंजीनियरिंग समाधानों में भाप्रौसं जोधपुर के नेतृत्व को मजबूत करता है।
-डॉ.सुब्रत चक्रवर्ती और प्रो. मणिकंदन परंजोथी को एसीएस कैटेलिसिस (आईएफ 13.1) में उनके प्रभावशाली प्रकाशन के लिए संयुक्त रूप से अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो टिकाऊ कैटेलिसिस और CO₂ रूपांतरण को आगे बढ़ाता है।
उनका सहयोगात्मक अनुसंधान, वैश्विक प्रासंगिकता वालेअत्याधुनिक रासायनिक नवाचार के प्रति भाप्रौ सं.जोधपुर की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शिक्षण नवाचार के लिए डॉ. वंदना शर्मा स्मृति पुरस्कार
-डॉ.सुमित कालरा को उनके अग्रणी, छात्र-केंद्रित शैक्षणिक दृष्टिकोण के लिए शिक्षण नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया,जोस्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रौद्योगिकी,रचनात्मकता और समावेशिता का मिश्रण है।
एआई-संचालित चैटबॉट्स से जेन- जेड-फ्रेंडली आकलन तक,उनके नवाचार भाप्रौसं जोधपुर में प्रभावशाली और आकर्षक शिक्षण का उदाहरण हैं।
-डॉ.भूषण प्रवीण जंगम को उनके अनुभवात्मक और डेटा-संचालित शिक्षण के लिए शिक्षण नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो प्रबंधन शिक्षा में वास्तविक दुनिया की प्रासंगिकता लाता है।
नीति और फिनटेक रुझानों पर आधारित उनका इंटरैक्टिव शिक्षण, भाप्रौसं जोधपुर में आलोचनात्मक सोच और गहन वैचारिक शिक्षा को बढ़ावा देता है।
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मेधावी कर्मचारी पुरस्कार
-बैकुंठ नाथ साहू (सहायक रजिस्ट्रार)10 से अधिक प्रमुख विभागों और 30 से अधिक समितियों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित। भाप्रौ सं.जोधपुर को 100% आरटीआई ऑडिट स्कोर प्राप्त करने और प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
-प्रीतिंदर कौर (सहायक रजिस्ट्रार, पीआरओ)उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री,पीआर रणनीति और नेतृत्व संचार के माध्यम से भाप्रौसं.जोधपुर की मीडिया दृश्यता और संस्थागत ब्रांडिंग को मजबूत करने के लिए सम्मानित किया गया।
-मयंक शर्मा (सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी)5,000 से अधिक फाइलों का लेखा परीक्षण करने और सीएजी टीमों के साथ प्रमुख प्रक्रियाओं का समन्वय करने, अनुपालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सम्मानित।
-रश्मि ध्यानी (जूनियर सुपरिंटेंडेंट) मुख्य जिम्मेदारियों से परे शैक्षणिक संचालन,छात्र सेवाओं और प्रक्रिया डिजिटलीकरण के प्रबंधन में उनकी असाधारण भूमिका के लिए प्रशंसा की गई।
-शशांक चौधरी (वरिष्ठ सहायक) स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स में शैक्षणिक समन्वय,प्रवेश,रिकॉर्ड प्रबंधन और खरीद में उनके योगदान के लिए सराहना की गई।
निदेशक सराहनीय सेवा पुरस्कार
-नरेश जोशी (उप रजिस्ट्रार) खातों के डिजिटलीकरण,ईआरपी एकीकरण और कम लागत वाली ईएमआई विकल्पों सहित शुल्क भुगतान नवाचारों को शुरू करने के लिए मान्यता प्राप्त।
-दर्श कुमार खटवानी (अधीक्षक) प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए सम्मानित,विशेष रूप से संकाय भर्ती,ऑनबोर्डिंग और उच्च स्तरीय बैठक समन्वय में।
-सुजीत कुमार (विशेष कार्य अधिकारी)वीआईपी यात्राओं और संस्थागत सुधारों के दौरान नीतिगत सुविधा,समन्वय और रसद के निर्बाध संचालन के लिए सराहना की गई।
निदेशक ने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि ये सम्मान हमारी प्रतिबद्धता, उत्कृष्टता और सेवा के मूल मूल्यों की पुष्टि करते हैं। हमें उन लोगों पर गर्व है जो संस्थान को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बनाए रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ समापन हुआ,जिसमें भाप्रौसं. जोधपुर तकनीकी,शैक्षणिक और नैतिक नेतृत्व में सबसे आगे रहा।