जोधपुर, जिले के फलोदी उप कारागृह से फरार होने वाले 16 बंदियों का गुरुवार को चौथे दिन भी कोई सुराग नहीं लग सका। इसके साथ ही फरारी में प्रयुक्त वाहन एसयूवी व बोलेरो पिकअप और उनके मालिक भी पकड़ में नहीं आए है। फरार बंदियों के नजदीक पहुंचने और शीघ्र गिरफ्तार करने के पुलिस के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। पुलिस की मानें तो गत सोमवार रात आठ बजे जेल से फरार होने के बाद कुछ बंदी पोकरण व रामदेवरा पहुंचे थे।
पुलिस ने वहां दबिश भी दी लेकिन उससे पहले वे गायब हो गए। कुछ बंदियों के लोहावट में होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने वहां भी तलाश की, लेकिन वे पकड़ में नहीं आए। फलोदी की जेल से सोमवार रात आठ बजे 16 बंदी वहां तैनात गार्डों के साथ मिलीभगत कर भाग निकले थे। सुनियोजित तरीके से भागे इन बंदियों ने पूरी योजना पहले से तैयार कर रखी थी।
यही कारण रहा कि जेल से बाहर निकलते ही उन्हें ले जाने के लिए एक स्कॉर्पियो जेल से बाहर तैयार खड़ी थी। सभी चंद सेकंड में जेल से निकल इस स्कॉर्पियो में सवार होकर भाग निकले। इसके बाद इनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस अभी तक न तो किसी बंदी को खोज पाई है और न ही उन्हें भगा कर ले जाने वाली स्कॉर्पियो। बताया गया है कि फरार होने वाले बंदियों में हत्या के चार व मादक पदार्थ तस्करी के नौ आरोपी शामिल हैं।
पुलिस को अंदेशा है कि मादक पदार्थ तस्करों ने सुनियोजित तरीके से फरारी की साजिश रची और फिर अन्य बंदी भी शामिल हो गए। पुलिस जेल से फरार होने की साजिश का मास्टर माइण्ड फलोदी में खारा निवासी शिवप्रताप व एकलखोरी गांव निवासी श्रवणराम को मान रही है। दोनों एनडीपीएस एक्ट के आरोपी हैं।
शिवप्रताप को पांच लाख रुपए की फिरौती मांगने के मामले में भी पकड़ा गया था जबकि श्रवण गांव में ही पारिवारिक विवाद के चलते महिलाओं से मारपीट करने के चर्चित मामले में भी आरोपी है। उस पर पांच हजार रुपए का इनाम था। जेल से बाहर निकलने के बाद बंदी पहले से तैयार एसयूवी व बोलेरो पिकअप में बैठकर भागे थे।
पुलिस ने दोनों वाहन व मालिकों की पहचान कर ली है। एक गाड़ी मालिक फरार बंदी शिवप्रताप का भाई है। वह और दूसरी गाड़ी मालिक भी गायब हैं। अंदेशा है कि साजिश में बंदियों के परिजन भी लिप्त रहे हैं। इन वाहनों का भी अभी तक पता नहीं चल सका।