लोकानुरंजन मेला 23 से 25 मार्च को

लोक कला महाकुम्भ में दस राज्यों के लगभग 700 कलाकार देंगे प्रस्तुति

जोधपुर(डीडीन्यूज),लोकानुरंजन मेला 23 से 25 मार्च को। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का लोकानुरंजन मेला इस वर्ष 23 से 25 मार्च को जय नारायण व्यास स्मृति भवन (टाउन हॉल) में आयोजित किया जायेगा।

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अकादमी सचिव अजीत सिंह राजावत ने बताया कि लोक कला के इस महाकुम्भ में देश के दस राज्यों के लगभग 700 कलाकार अपनी लोकरंजक परम्परागत लोक कलाओं का मनोहारी प्रदर्शन करेंगे। राजावत ने बताया कि यह आयोजन पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर,उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र,प्रयागराज,उतर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र,पटियाला,चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी, चंडीगढ तथा हरियाणा कला परिषद, कुरूक्षेत्र के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

दो चरणों में होगा आयोजन

पहले चरण के कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित होगा। प्रथम चरण में 23 मार्च को सायं 6 बजे टाउन हॉल के खुले प्रांगण में मेलानुमा परिवेश में प्रदेश की विभिन्न प्रदर्शनात्मक लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा,जिसमें लंगा सिम्पोनी जेपूखा लगा,तेरहताल लीलादेवी,पारदला,कालबेलिया नृत्य रूपनाथ,जोधपुर चकरी नृत्य ममता देवी,चाचौडा रिंग भवाई बन्ने सिंह, अलवर शहरिया नृत्य गोपाल धानुक,शाहबाद,कठपुतली प्रेमराम भाट,जोधपुर,बम्ब नृत्य शशीबाला, लक्ष्मणगढ,नगाडा वादन घनश्याम पुष्कर,शहनाई वादन ऐहसान, जोधपुर भंपग वादन श्री यूसूफ खां, अलवर,तीन ढोल थाली बांकिया श्यामानराम,कच्ची धोडी बनवारी लाल जाट,जयपुर लाल आंगी गैर उकाराम परिहार,डांडिया नृत्य महेन्द्र,बिजली करतब अरूण कुमार,धौलपुर जादूगर राधेश्याम मदारी जीतराम जाट,टाँक बहुरूपिया अकरम खां,बादी कुई नृत्य प्रमुख आकर्षण होंगे।

दूसरे चरण में ये होंगे कार्यक्रम
कार्यक्रम के दूसरे चरण में 23 से 25 मार्च को बाहरी प्रदेशों की लोक कलाओं के साथ ही राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा पूरे प्रदेश की लोक कलाओ से रूबरू करवाया जायेगा। सायं 7.30 से प्रेक्षागृह के अन्दर पंजाब का भांगडा व गिद्दा, हरियाणी की घूमर, फाग,पणिहारी नृत्य,गुजरात के सिद्धीधमाल,गरबा रास,डांग नृत्य, महाराष्ट्र की लावणी व सौंगी मुखटे नृत्य के प्रदर्शन होंगे।
समारोह के दौरान प्रेक्षागृह के अन्दर राजस्थान के कलाकारों में लंगा, मागणियार गायन,मयूर व दीपक नृत्य,चकरी नृत्य,भपंग वादन, कालबेलिया नृत्य,अलगोजा वादन, चरी नृत्य इत्यादि मनोहारी कार्यकम प्रस्तुत किये जायेंगे। कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क होगा।