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लोन के चक्कर में गवां बैठा 18.59 लाख

तीन फाइनेंस कंपनिया में उलझा

जोधपुर,शहर के एक व्यक्ति ने समाचार पत्रों में छपे विज्ञापन के आधार पर फाइनेंस कंपनियों के जाल में फंस गया। वह तीनों कंपनियों के प्रतिनिधियों से बात की फिर उनके बताए अनुसार खातों में 18.59 लाख रुपए जमा करवा दिए। न तो लोन पास हुआ और न ही दी गई रकम वापिस मिली। कोर्ट में इस्तगासे के जरिए अब सदर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस ने नामजद कंपनियों के खिलाफ अब जांच आरंभ की है। इतनी बड़ी रकम भी ऑनलाइन पेमेंट कर अदा की गई।

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गूंदी का मोहल्ला बद्रीनारायण की गली निवासी नरेश व्यास पुत्र कैलाश चंद्र व्यास ने पुलिस में दी रिपोर्ट में बताया कि उसने 8 मार्च 22 को एक समाचार पत्र में छपे विज्ञापन के आधार पर फाइनेंस कंपनी नाबी फाइनेंस से संपर्क किया था। उसमें काम करने वाले ने खुद को भरत बैद बताया और कंपनी द्वारा सरकारी स्तर पर लोन दिलाने की बात की। तब परिवादी ने 60 लाख के लोन की मंशा जाहिर की। इस पर उससे रजिस्ट्रेशन के नाम पर पहले उसी दिन 25 हजार रुपए लिए गए। बाद में उसी दिन 4.85 लाख रुपए अलग अलग मद के लिए मांगे गए। मगर बाद में कंपनी द्वारा लोन पास नहीं हुआ।

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पीडि़त का कहना है कि अप्रेल 22 में ही फिर समाचार पत्र में छपे विज्ञापन के आधार पर बालाजी फाइनेंस कंपनी से संपर्क साधा। तब सामने वाले ने खुद को राजूसिंह होना बताया। पीडि़त ने 50 लाख का लोन लेने की मंशा जाहिर की। तब उसे झांसे में लेकर रजिस्ट्रेशन एवं अन्य मदों के नाम पर पहले 3650 रुपए लिए गए। फिर 1.55 लाख से ज्यादा लिए। यह रुपए परिवादी ने ऑन लाइन खातों में जमा करवाए। पीडि़त इसके बाद एक अन्य फाइनेंस कंपनी आशापुरा फाइनेंस के चक्कर में फंसा और कपंनी को 5.14 लाख दे दिए। इस तरह उससे तीनों फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारियों ने झांसे में लेकर 18 लाख 59 हजार 316 रुपए की ठगी कर ली। मगर न तो लोन पास हुआ और न ही दी गई रकम लौटाई गई। पीडि़त की रिपोर्ट पर सदर कोतवाली पुलिस अब जांच कर रही है।

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