जोधपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर में अधिकारियों ने सैंपलों की संख्या घटा कर नए संक्रमितों की संख्या को कागजों में थाम अवश्य दिया है, लेकिन 35 फीसदी की ऊंची संक्रमित दर अभी भी खतरे की घंटी बजा रही है। कोरोना संक्रमितों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। जोधपुर में सोमवार को सिर्फ 2727 सैंपलों की जांच की गई। इसमें से 954 नए संक्रमित सामने आए जबकि 12 संक्रमितों की सांसें थम गई।

आंकड़ों की इस बाजीगरी के बीच अच्छी बात यह रही कि आज रिकॉर्ड संख्या में 4251 मरीजों को ठीक होने पर डिस्चार्ज किया गया। जोधपुर में अब एक्टिव मरीजों की संख्या 15 हजार 709 रह गई है। एक्टिव केस कम होने से अस्पतालों को फौरी तौर पर राहत मिल गई है। उन पर दबाव काफी हद तक कम हुआ है।

एक ओर प्रशासन और चिकित्सा विभाग खुश है कि डिस्चार्ज का आंकड़ा बढ़ा है। हर रोज अपनों को खोने वाले परिजनों की पीड़ा बदस्तूर जारी है। जबकि असल में मौतें इससे कहीं अधिक है, क्योंकि इसमें निजी अस्पतालों एवं होम आइसोलेशन में होने वाली मौतों का आंकड़ा जारी ही नहीं होता है। मई में 28,520 पॉजिटिव, 33,256 डिस्चार्ज व 560 की मौत हुई।

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इधर जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में हालात विकट होते जा रहे है। इस बीच चिकित्सा विभाग ने सैंपलों की संख्या बढ़ाने के बजाय कम करना शुरू कर दिया। सैंपलों की कम संख्या के कारण नए मरीजों के सामने आने का सिलसिला धीमा पड़ गया। जबकि चिकित्सा विभाग स्वयं मान रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में किए गए सर्वे में 45,316 लोगों में लक्षण पाए गए थे। यदि सही तरीके से सैंपलिंग की जाए तो मरीजों की एकदम सटीक संख्या सामने आ सकती है।