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पुलिस की फर्जी आईडी एवं फर्जी दस्तावेजों का कर रहा था उपयोग

जोधपुर, शहर के डांगियावास पुलिस ने चार साल से फरार चले रहे मादक पदार्थ तस्करी के आरोपी एवं पांच हजार के इनामी बदमाश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अभियुक्त ने मादक पदार्थ तस्करी के समय पुलिस की फर्जी आईडी के साथ ही अन्य कई तरह के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया है। उसके पास से 40 हजार रूपए भी मिले हैं।

सबइंस्पेेक्टर बनकर अपनी कारगुजारियां करता रहा। बुधवार को पाली, जैसलमेर, भीलवाड़ा पुलिस की सूचना आधारित डीएसटी पूर्व एवं डांगियावास पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस बदमाश को गिरफ्तार कर लिया।

थानाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि बाड़मेर के डोलीकलां कल्याणपुर निवासी दिनेश बाबल पुत्र बाबूलाल मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में चार साल से फरारी काट रहा था। उसने पुलिस की फर्जी आईडी सबइंस्पेक्टर के नाम से बना रखी थी। इसके अलावा भी कई तरह के फर्जी दस्तावेजों को अपने साथ रखे हुए था।

वह पांच हजार का इनामी था और निम्हेड़ा सदर पुलिस का भी वांछित था। थानाधिकारी ने बताया कि दिनेश बाबल के बारे में पाली, जैसलमेर और भीलवाड़ा पुलिस की तरफ से सूचना मिली कि वह जोधपुर में है और अपनी बिना नंबरी स्वीफ्ट कार में शिकारगढ़ से होते हुए जालेली फौजदार की तरफ जाएगा। बाद में झालामंंड होते हुए बाड़मेर की तरफ निकलेगा। इस पर जोधपुर जिला पूर्व की डीएसटी टीम और डांगियावास पुलिस ने जालेली फौजदार फांटा पर नाकाबंदी कर उसे पकड़ा।

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वर्ष 2016 से वांछित

थानाधिकारी ने बताया कि वह वर्ष 2016 से वांछित रहा है। वक्त घटना तब सैल्स टैक्स विभाग को सूचना मिली थी। तब एक ट्रक को तस्कर डांगियावास बाजार में लावारिश छोडक़र भाग गए थे। पुलिस ने उस ट्रक से 10 किलो 900 ग्राम अफीम का दूध बरामद किया था।

बाद में सुरेश पुत्र भंवरलाल विश्रोई को गिरफ्तार किया गया। मगर दिनेश फरार चल रहा था। दिनेश बाबल ने निम्हेड़ा सदर पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारने के साथ फायरिंग भी की थी। तब से भी वह फरार था।

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