विंग्स टू अवर होप्स विकसित भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी-राजनाथ

  • राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के कार्यकाल के दूसरे वर्ष में दिए गए 51भाषणों के संग्रह का विमोचन
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया विमोचन
  • राष्ट्रपति मुर्मु भारत में महिलाओं के नेतृत्व में विकास का सर्वोत्तम उदाहरण
  • सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह पुस्तक राष्ट्रपति के लोक कल्याणकारी विचारों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएगी

नई दिल्ली(डीडीन्यूज),विंग्स टू अवर होप्स विकसित भारत के निर्माण के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी- राजनाथ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हिन्दी और अंग्रेजी में दिए गए 51 भाषणों के संग्रह ‘विंग्स टू आवर होप्स (वॉल्यूम-II)का ई-संस्करण का सोमवार को विमोचन किया।

राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल.मुरुगन भी मौजूद थे। यह पुस्तक राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल (अगस्त 2023- जुलाई 2024) के दौरान उनके दृष्टिकोण,दर्शन और प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संबोधन से लेकर विश्वविद्यालयों में नवाचार,देश के विकास में महिलाओं के योगदान,समानता और सांस्कृतिक विरासत पर उनके भाषणों के संकलन को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सरकार के दृष्टिकोण का सार बताया। उन्होंने कहा यह पुस्तक हमारी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करते हुए प्रगतिशील विचारों के साथ विकसित भारत के निर्माण के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बनेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हमारे देश में विविधता के महत्व से अच्छी तरह अवगत हैं और वंचितों के दर्द को समझती हैं। यह पुस्तक समानता की भावना का उद्घोष करती है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह पुस्तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के सभ्यता से लेकर संस्कृति,धर्म से विज्ञान,कला से साहित्य,शिक्षा से स्वास्थ्य और अतीत से लेकर भविष्य तक के विविध क्षेत्रों के ज्ञान और विचारों का मिश्रण है। उन्होंने इस समावेशिता को भारत के चरित्र का प्रतिबिंब बताया,जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति के कुछ विचारों के बारे में विशेष रूप से चर्चा के तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रीय

प्राथमिकताएं बताया। इनमें शामिल हैं
-विरासत के साथ विकास ही हमारी संस्कृति और सभ्यता की पहचान है।
-नैतिकता हमारे व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन का आधार है।
-प्रत्येक व्यक्ति,विशेषकर लोक सेवकों और अधिकारियों में निःस्वार्थ सेवा और परोपकार की भावना होनी चाहिए।
-न्याय प्रणाली और प्रशासन को आम लोगों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
-विकास के सभी आयामों में नवाचार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
-भारत आधुनिक विश्व-व्यवस्था को बेहतर बनाने में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भारत में महिलाओं के नेतृत्व में विकास का सबसे अच्छा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने ऐतिहासिक ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें सभी लक्ष्य हासिल किए और आतंकवादियों के मन में डर पैदा किया। उन्होंने सशस्त्र बलों के कर्मियों को लगातार प्रोत्साहित करने के लिए उनकी सराहना की, साथ ही समाज के वंचित वर्गों के सशक्तीकरण के लिए भी अथक काम किया। उन्होंने कहा अपने जीवन के माध्यम से राष्ट्रपति मुर्मु ने सभी के लिए शिक्षा और समान अधिकारों तथा अवसरों तक पहुंच के लिए एक प्रेरक उदाहरण स्थापित किया है। साहस,कड़ी मेहनत, सार्वजनिक सेवा व आध्यात्मिकता के आदर्श उनके जीवन में दिखाई देते हैं और इन्हें उनके भाषणों में भी पढ़ा जा सकता है।

इस अवसर पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘विंग्स टू अवर होप्स (वॉल्यूम-II)’ को देश की ‘प्रथम नागरिक’ की दृष्टि से समकालीन मुद्दों को समझने का एक माध्यम बताया और आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक राष्ट्रपति के लोक कल्याणकारी विचारों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएगी। राष्ट्रपति के जीवन के कुछ प्रेरणादायी पलों के बारे में बताते हुए अश्विनी वैष्णव ने 20 जून को उनके जन्मदिन के अवसर पर देहरादून में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में द्रौपदी मुर्मु की यात्रा को याद किया, जहां वे दृष्टिबाधित बच्चों के प्रदर्शन से भावात्मक रूप से बेहद प्रभावित हुई थीं। उन्होंने कहा उनकी सादगी, संवेदनशीलता और लोगों के प्रति सेवा की भावना सभी के लिए प्रेरणा है।

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राष्ट्रपति भवन द्वारा संकलित तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित यह दूसरा खंड शासन,समावेशिता और राष्ट्रीय आकांक्षाओं पर विकसित हो रहे विमर्श का वृत्तांत प्रस्तुत करने में अपने पूर्ववर्ती खंड का अनुसरण करता है। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अपर सचिव प्रभात और प्रकाशन विभाग के प्रधान महानिदेशक भूपेन्द्र कैंथोला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।