जोधपुर में अभी तक नहीं हुआ कोई निर्णय
जोधपुर, पाक विस्थापितों के कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण को लेकर राजस्थान के प्रत्येक जिले में अलग-अलग नियम चल रहे हैं। राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण मसले को जिला कलेक्टरों पर छोड़ दिया। अब उनकी मर्जी के आधार पर पाक विस्थापितों का टीकाकरण टिका हुआ है। जोधपुर संभाग के बाड़मेर व जैसलमेर में पासपोर्ट के आधार पर पाक विस्थापितों के कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। जोधपुर में फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।
जोधपुर में जिला प्रशासन राजस्थान हाईकोर्ट में कल इस मसले पर होने वाली अहम सुनवाई का इंतजार कर रहा है। जबकि हाईकोर्ट पूर्व में स्पष्ट कह चुका है कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन में इस बारे में स्पष्ट है और उसके आधार पर वैक्सीन लगाई जा सकती है।
जोधपुर के बाहरी छोर पर आबाद 21 बस्तियों में करीब 40 हजार पाक विस्थापित निवास करते हैं। इनमें से काफी लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है। लेकिन बड़ी संख्या में अभी तक लोगों को नागरिकता मिलने का इंतजार है। ये लोग लंबी अवधि के वीजा पर भारत में निवास कर रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित भी हुए। इनके पास वीजा या पासपोर्ट के अलावा वैक्सीनेशन के दौरान दिखाने के लिए कोई प्रमाण पत्र नहीं है।
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ऐसे में इनको वैक्सीन नहीं लगाए जा रही है। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की। केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट में साफ कहा कि उसकी गाइडलाइन में ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाने का स्पष्ट प्रावधान है। उसके आधार पर इन लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा सकती है। इस आधार पर जैसलमेर व बाड़मेर में पाक विस्थापितों को वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया लेकिन सबसे अधिक पाक विस्थापितों वाले जोधपुर शहर में यह कार्य शुरू नहीं हो पाया।
जोधपुर में जिला प्रशासन कल हाईकोर्ट में मुख्य सचिव की ओर से पेश किए जाने वाले जवाब का इंतजार कर रहा है। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा का कहना है कि इस बारे में स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। ऐसे में पाक विस्थापितों को वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है।
कल हाईकोर्ट में स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही फैसला किया जाएगा। पाक विस्थापितों के हक के लिए बरसों से संघर्ष करने वाले हिन्दू सिंह सोढ़ा का कहना है कि एक ही प्रदेश में हर जिले के नियम अलग कैसे हो सकते हैं। जब बाड़मेर में वैक्सीन लगाई जा सकती है तो फिर जोधपुर में क्यों नहीं। उन्होंने साफ कहा कि यह जिला प्रशासन की ढिलाई है।
यह है केन्द्र सरकार की एसओपी
देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग है जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। इन लोगों को वैक्सीन लगाने में आ रही दिक्कतों का समाधान करते हुए केन्द्र सरकार ने 6 मई को एक एसओपी जारी की थी। इसके क्लॉज 5 में स्पष्ट लिखा है कि ऐसे समूह को वैक्सीन लगाने के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी अलग से शिविर आयोजित कर सकता है। इन शिविर में ऐसे लोगों को एकत्र कर वैक्सीन लगाई जा सकती है। पाक विस्थापित इसी क्लॉज में शामिल माने गए हैं।
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