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जोधपुर, श्रीपुष्टिकरश्री पुरोहित सूरज राज रूपादेवी स्मृति महिला महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई व प्रौढ एवं आजीवन सतत शिक्षा विभाग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय व्यक्तित्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ माॅ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर प्राचार्य डाॅ.मीता मुल्तानी ने किया। कार्यक्रम अधिकारी डाॅ.उषा सूदन व्यास ने बताया कि विद्यार्थियों में छुपी बहुमुखी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से इस कार्यशाला में विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान एवं विद्यार्थियों से संवाद तथा उनकी समस्याओं का निवारण किया गया।

प्रथम दिन के सत्र में डाॅ अश्विनी कुमार मलिक (पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय, पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग) द्वारा कोविड व पोस्ट कोविड की विकट परिस्थितियों में मनोमस्तिष्क को किस तरह समायोजित करें इसे विभिन्न ज्वलन्त उद्धरणों द्वारा समझाया। इस विकट परिस्थिति से निजात पाने व मनोदशा को संयमित रखने के लिए टिप्स दिए उनमें प्रमुख है धैर्य,अनावष्यक भय उत्पन्न न करना, सामाजिक दूरी बरतना, घबराना नही, कोविड ग्रस्त परिवार की स्वयं सुरक्षित रहते हुए यथा संभव मदद करना,अपने सुख दुःख का भागीदार लोगों को बनाना, मानसिक रूप से शक्तिशाली बनना,दुःख में लड़खड़ाना नही बल्कि जीवन में उससे सबक लेकर आगे की राह पकडनी आदि।

द्वितीय सत्र में विद्यार्थियों में सृजन शैली की ओर रूझान बढाने की दृष्टि से डाॅ.पद्मजा शर्मा(कवयित्री) ने सर्वप्रथम अपने जीवन के उदाहरण देते हुए बताया कि अपने में छुपी मौलिक प्रतिभा को हमें आगे बढाना चाहिए। नारी के जीवन में मुश्किलें तो आती हैं लेकिन उनके आगे घुटने टेकना कायरता है। शक्ति स्वरूपा नारी को अपनी अस्मिता बरकरार रखते हुए अस्तित्व का अहसास कराना और अपनी पहचान बनानी जरूरी है।

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