प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाए-डॉ बीडी कल्ला
जोधपुर, ऊर्जा मंत्री राजस्थान डॉ बीडी कल्ला द्वारा प्रदेश, राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के निजी निवेशकों का आह्वान किया कि राजस्थान में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं निहित हैं।
ऊर्जा मंत्री द्वारा शनिवार को ’’तीसरे वैश्विक रिन्यूएबेल एनर्जी इन्वेस्ट’’ के स्टेट सेशन में वर्चुअल एक्सपो के जरिए प्रदेश, राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न उद्यमियों को संबोधित करते हुए अवगत किया कि राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है, जहां सूर्य की स्वच्छ विकरणें वर्ष के 365 में से 325 दिवसों तक प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहती हैं। राजस्थान बहती हुई हवाओं एंव अनुपयोगी भूमि की प्रचुरता वाला प्रदेश है। यहां सौर एवं पवन ऊर्जा के लिए आधारभूत संसाधनों की प्रचुरता के कारण सौर एवं पवन ऊर्जा के साथ हाइब्रिड ऊर्जा के दोहन के लिए भी अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हैं। प्रकृति द्वारा राजस्थान को प्रदत्त अक्षय ऊर्जा संसाधनों की प्रचुरता के कारण अक्षय ऊर्जा विकास कर्ताओं एवं निवेश कर्ताओं के लिए यह पसंदीदा गंतव्य स्थान है। प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 142 गीगावॉट एवं पवन ऊर्जा के लिए 127 गीगावॉट की क्षमता का आंकलन किया गया है।
डॉ कल्ला ने आगे बताया कि वर्तमान में राज्य में 10 हजार मेगावॉट से अधिक क्षमता के अक्षय ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं। जिसमें 5552 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र, 4338 मेगावॉट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र एवं 120 मेगावॉट क्षमता के बायोमास ऊर्जा संयंत्र सम्मिलित हैं। राज्य में अक्षय ऊर्जा के संयंत्रों की स्थापना की क्षमता, कुल स्थापित क्षमता का लगभग 35 प्रतिशत है।
राज्य में जोधपुर जिले के भडला में 2245 मेगावॉट क्षमता का सोलर पार्क स्थापित किया गया है, जो क्षमता की दृष्टि से विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क है। राज्य में 13641 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों एवं 1878 मेगावॉट क्षमता के हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल नीतियों एवं परिस्थितियों के कारण निजी एवं केन्द्र सरकार के कई राजकीय उपक्रमों द्वारा अपने निजी निवेश से प्रदेश में अपनी अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित कर प्रतिस्पर्द्धात्मक दरों पर विद्युत विक्रय करने को सहमत हैं। परिणास्वरूप हाल ही में सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा राजस्थान डिस्कॉम्स के लिए 1070 मेगावॉट की सौर ऊर्जा से उत्पादित विद्युत की दर रू. 2.00 प्रति यूनिट आई है, जो अब तक की सबसे कम दर है। डॉ कल्ला ने अक्षय ऊर्जा विकासकर्ताओं का यह भी आव्हान किया कि वह प्रदेश में आएं, निवेश करें, राज्य की नीतियों का लाभ उठाएं और अक्षय ऊर्जा के दोहन में अपना योगदान देकर ऊर्जा के सतत् विकास, पर्यावरण संरक्षण, रोजगार सृजन एवं देश की विकास दर की वृद्धि में अपना योगदान देवें। ऊर्जा मंत्री ने यह भी सूचित किया कि राजस्थान सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों,कृषकों हेतु सामान्य उपभोक्ताओं से पृथक फीडर बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। जिससे किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से दिन के समय में भी प्रर्याप्त मात्रा में विद्युत की आपूर्ति हो सके।
इस वर्चुअल एक्सपो में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक डॉ सुबोध अग्रवाल द्वारा अवगत कराया गया कि राजस्थान सरकार द्वारा दिसम्बर 2019 में जारी की गई राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 में राजस्थान प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रदेश में अपनी अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करने हेतु निवशकों को अनेक सुविधाएं एवं छूट प्रदान की गई है, यथा स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की राहत, एसजीएसटी पर 7 वर्ष हेतु 90 प्रतिशत निवेश अनुदान, 7 वर्ष तक 90 प्रतिशत रोजगार अनुदान, एमएसएमई नीति के समस्त लाभ, रिप्स 2019 के तहत ब्याज अनुदान एवं अन्य लाभ तथा कस्टोमाइजड पैकेज, भूमि आवंटन 50 प्रतिशत दर पर, 10 वर्ष तक इलैक्ट्रिसिटि ड्यूटी में 100 प्रतिशत छूट, अक्षय ऊर्जा आधारित इलेक्ट्रीक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना पर ट्रांसमिशन एवं व्हीलिंग चार्जेज पर 10 वर्ष तक शत-प्रतिशत छूट आदि अनेक राहतें प्रदान की गई हैं तथा प्रदेश में अक्षय ऊर्जा संयंत्र निर्माताओं को भी अनेक अतिरिक्त छूट एवं राहतें प्रदान की गई है जिसके कारण प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेशकों का रूझान दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है। डॉ अग्रवाल द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान में अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने पर यहां 10 से 25 प्रतिशत ऊर्जा का अधिक उत्पादन होता है। अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान की अक्षय ऊर्जा नीतियों में 2 अतिरिक्त विषेश सुविधाएं, भूमि के रूपान्तरण की आवश्यकता नहीं एवं भूमि की कोई सीलिंग नहीं, प्रदान की गई है। इस वर्चुअल सेशन से जुड़े ऊर्जा मंत्री राजस्थान, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम एवं समस्त विषय विषेशज्ञों, विकासकर्ताओं, निवेशकों तथा मीडिया आदि सभी प्रतिभागियों का दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा विभाग,राजस्थान सरकार द्वारा स्वागत किया गया तथा समस्त निवेशकों को उदबोधित करते हुए राज्य में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में साथ मिलकर भारत को विश्व के शीर्ष स्थल पर पहुंचाने में सहयोग प्रदान करें।