पुरुष सत्ता के अधीन नारी की व्यथा कथा को दर्शाता नाटक ‘कितनी क़ैदें’
जोधपुर,आदिकाल से ही पति-पत्नी के बीच शारीरिक सुख की असंतुष्टि दाम्पत्य जीवन की अनेक विसंगतियों व तनाव का कारण बनता रहा है। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के 29 वें ओम शिवपुरी नाट्य समारोह की तीसरी प्रस्तुति के रूप में मंचित नाटक कितनी क़ैदें में इसी भाव को केंद्रीय बिंदु बनाते हुए लेखिका मृदुला गर्ग द्वारा लिखी मन: स्थिति की परतों को निर्देशक रमेश भाटी ने बारीकी से उजागर किया है। इंजीनियर मनोज की पत्नी मीना अपने जीवन में झेली अनेक यातनाओं के कारण मेंटल डिसऑर्डर की वजह से मनोज को संतुष्ट करने में नाकाम रहती है। मनोज उसका मन बहलाने के लिए कई जगह घुमाने भी ले जाता है, लेकिन मीना की तरफ से ठंडापन ही प्रदर्शित किया जाता रहा।
एक दिन मनोज मीना को लिफ्ट में अपने बांध के गर्भ स्थित कार्यालय में ले जाता है लेकिन लाइट बंद हो जाने से लिफ्ट बीच मे ही रुक जाती है। यहां जीवन मौत के बीच, मृत्यु निश्चित मान मीना अपने पति को संतुष्ट नही कर पाने के राज की गांठे खोल अपनी पीड़ा बताती है लेकिन मनोज भी उसका साथ छोड़ देता है। कुल मिला कर पुरुष सत्ता के अधीन नारी की व्यथा कथा को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करता है नाटक कितनी क़ैदें। मीना के रूप में गुलनाज ने अपने संवेदनशील अभिनय से दर्शकों को द्रवित करने में कामयाबी हासिल की। मनोज के रूप में डॉ. हितेंद्र गोयल ने अपने किरदार के साथ न्याय किया। अन्य चरित्रों में नवीन पंच्छी,साक्षी सोलंकी,नेहा रांकावत,अनुज अरोड़ा, नीरज श्रीवास्तव,सावन और हार्दिक ने प्रभावी भूमिकाएं अभिनीत की। नाटक की ध्वनि नेमीचन्द व प्रकाश संयोजन मोहम्मद इमरान ने किया।
प्रारम्भ में वरिष्ठ नाट्यधर्मी रामचन्द्र शर्मा ने निर्देशक रमेश भाटी को बुके व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया । मंगलवार 19 अक्टूबर को बादल सरकार लिखित व साबिर खान निर्देशित जयपुर की प्रस्तुति ‘पगला घोड़ा, मंचित होगा।
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