कलेव योजना का मुख्य आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे
जोधपुर, शहर की बनाड़ पुलिस ने कलेवा योजना में गबन के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। डॉ. रविन्द्र चौहान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाड़ की और से एक रिपोर्ट दी गई थी। उसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रसुताओं को दोनो समय गर्म खाना नि:शुल्क देने के उद्देश्य से अस्पतालों में कलेवा योजना वर्ष 2012 से संचालित की जा रही है। बनाड़ अस्पताल में कलेवा योजना के लिये भोमीयाजी स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रसुताओं को दोनों समय का भोजन उपलब्ध करवाने के लिए अधिकृत किया गया था। प्रसुताओं को दिए जाने वाले भोजन पर परिश्रम के रूप में पूर्व में प्रति दिन 70 रूपये प्रति प्रसुता व वर्ष 2015 से 99.50 रूपये प्रति प्रसुता दिये जाने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा जारी हुए थे। मगर सीएचसी बनाड़ में भोजन की दर 145 रूपये का कूटरिचत आदेश के द्वारा वर्ष 2015 से वर्ष 2019 तक अतिरिक्त पैसा भोमियाजी समूह के खाता में जमा हो गया था। जिसमे सीएचसी बनाड़ के अधिकारी कर्मचारी व स्वयं सहायता समूह के द्वारा मिल कर विलिय अनियमिता कर भ्रष्टाचार किया गया।
प्रकरण में सीएचसी बनाड से दस्तावेज रिकार्ड प्राप्त करने व आरोपीया पुष्णा व भाग्यश्री की गिरफ्तार कर अनुसंधान करने पर पता चला कि गजेन्द्र सिंह द्वारा कलेवा योजन के कुटरचित बिल व वाउचर स्वयं के हस्तलिपी से बना कर सीएचसी बनाड़ के आरएमआर एस. अधिकारीयों से सांठगांठ व मिली भगत कर लाखों रूपये की राशि का ऐरीयर व प्रतिमाह नियत दर 99.50 रूपये के स्थान पर 145 रूपये अधिक राशि भोगीयाजी के खाते में जमा करवा कर चैक द्वारा स्वयं के खाते स्थानान्तरित करवाई। भोमीयाजी समूह के साथ मिल कर नगद राशि उठा कर मिली भगत करने वाले लेखाधिकारी चिकित्सा अधिकारीयों में कलेवा योजना की सरकारी राशि का गबन कर आपस में बांट ली थी।
जिस पर आरोपी गजेन्द्र सिंह दस्तयाब कर अनुसंधान किया गया तो आरोपी ने भोगीयाजी समूह व सीएचसी बनाड़ व खण्ड चिकित्सा अधिकारी मण्डोर के कार्यालय कर्मचारी व चिकित्सा अधिकारी के साथ मिल कर सरकारी राशि का गबन किया। कलेवा योजना के निरीक्षण के दौरान सीएमएम टीम विजिट के दौरान 145 रूपये प्रति दिन प्रति प्रसुता दिये जाने के कुटरचित आदेश स्वयं आरोपी गजेन्द्रसिंह द्वारा ही बनाकर निरीक्षण टीम को पेश करना बताया। आरोपी गजेन्द्रसिंह के खिलाफ आरोप प्रमाणित होने पर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया।
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