परिवादी हरियाणा जेल में बंद रहा, साझेदार ने क्रेडिट कार्ड से 14.37 लाख का गबन कर डाला

  • रुपए मांगने पर लारेंस गैंग की धमकी
  • कुड़ी पुलिस जांच में जुटी

जोधपुर,परिवादी हरियाणा जेल में बंद रहा, साझेदार ने क्रेडिट कार्ड से 14.37 लाख का गबन कर डाला।
भाई के परिचित द्वारा मिलवाए गए युवक ने साझेदारी में ऑनलाइन सिल्वर का काम शुरू किया। कंपनी बनाई और क्रेडिट लिए। युवक को गत साल हरियाण पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया था। इधर साझेदार को उसके जेल मेें होने की जानकारी मिली तब क्रेडिट कार्ड से उसके खाते से 14.37 लाख का गबन कर डाला। जेल से छूटकर आए युवक ने जब रुपयों की वापिस मांग की तो उसे लारेंस गैंग की धमकी दी गई। पीडि़त ने धोखाधड़ी एवं धमकी का केस अब कुड़ी थाने मेें दर्ज कराया है। इस बारे में पुलिस ने तफ्तीश आरंभ की है।

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पंजाब के जिंद हाल कुड़ी भगतासनी सेक्टर 8 में रहने वाले रजत अरोड़ा पुत्र प्रदीप कुमार पंजाबी की तरफ से केस दर्ज करवाया गया। उसका कहना है कि उसके भाई राहुल ने अपने किसी परिचित बिलाड़ा के जीतावास निवासी धीरेंद्र सिंह से मिलवाया था। गत साल मुलाकात के समय बात हुई कि ऑन लाइन फोन पर काम किया जाएगा। रजत अरोड़ा ने नैक्सटीफाई प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म शुरू कर दी। इन लोगों ने सिल्वर का कार्य आरंभ किया था। काम के लिए रजत ने क्रेडिट कार्ड धीरेंद्र कहे अनुसार उसके दोस्त अजय सेतिया के जरिए बनाए थे। धीरेंद्र ने इसमें अपने एक मिलने वाले दिलीप नाम के शख्स को भी जोड़ा था। दो क्रेडिट कार्ड परिवादी ने अपने निवास स्थाल कुड़ी भगतासनी सेक्टर 8 के पते पर मंगवाए थे। गत साल अप्रैल से लेकर जून तक इन लोगों ने जयपुर में काम किया था। बाद में 22 अगस्त 22 को रजत अरोड़ा को हरियाणा की गुडग़ांव पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भिजवाया था। वह नवंबर 22 में जेल से जमानत पर रिहा हो पाया था। इन तीन महिनों के बीच में उसके दो क्रेडिट कार्ड धीरेंद्र के पास में ही थे। धीरेंद्र को जब पता लगा कि रजत जेल में है तो उसने कार्ड का दुरूपयोग करते हुए खाते से 14.37 लाख निकाल लिए। रजत जब जेल से आया तो उसने रुपयों की मांग की। इस पर उसे लारेंस गैंग की धमकी दी गई। आरोप है कि धीरेंद्र ने अपने दो दोस्तों अजय सेतिया और दिलीप के साथ मिलकर गबन किया। पुलिस ने धोखाधड़ी में केस दर्ज करते हुए जांच आरंभ की है।

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