मेडिकल कॉलेज फैकल्टी की लेटरल एंट्री आदेश का कड़ा विरोध
जोधपुर(डीडीन्यूज),मेडिकल कॉलेज फैकल्टी की लेटरल एंट्री आदेश का कड़ा विरोध। आरएमसीटीए जोधपुर की ओर से राज्य सरकार द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेज फैकल्टी में लेटरल एंट्री के हाल ही में जारी आदेश का कड़ा विरोध किया गया है।
आरएमसीटीए ने स्पष्ट किया है कि
1.एक ओर राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने हेतु RIMS (Regional Center)जैसी दूरगामी पहल कर रही है,दूसरी ओर बिना उचित प्रशिक्षण एवं अकादमिक योग्यता के चिकित्सकों को सीधे एसोसिएट एवं प्रोफेसर पद पर नियुक्त करना शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर करने वाला कदम है। यह निर्णय सरकार की अपनी ही सुधारात्मक दृष्टि के विपरीत प्रतीत होता है।
2.राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग(NMC) की अधिसूचना 05.07.2025 के अनुसार केवल 220+ बिस्तरों वाले शासकीय गैर-शिक्षण अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों को निर्धारित अनुभव की स्थिति में असिस्टेंट प्रोफेसर अथवा एसोसिएट प्रोफेसर स्तर तक नियुक्त किया जा सकता है। प्रोफेसर स्तर पर प्रत्यक्ष नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसर स्तर पर भी लेटरल एंट्री की व्यवस्था करना पूर्णतः अनुचित एवं नियमविरुद्ध है।
3.यह आदेश मेडिकल कॉलेजों की शैक्षणिक गुणवत्ता,फैकल्टी की पदोन्नति प्रक्रिया तथा कार्य वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और संस्थानों में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न करेगा। साथ ही यह चिकित्सा शिक्षा की पारदर्शिता एवं गुणवत्ता दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।
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4.RMCTA जोधपुर पुराने सरकारी मेडिकल कालेजों में एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर की युटीबी भर्ती का पुरजोर विरोध करता है। अभी तक केवल सहायक आचार्य के पदों का अर्जेंट टेम्पररी बेसिस पर भर्ती की जा रही थी।सह आचार्य एवं आचार्य स्तर के पदों को युटीबी से भरने से कैडर,वरिष्ठता एवं कार्य सम्बन्धी विषमताएं उत्पन्न होंगी, ऐसा भी प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा बाद में रेगुलर भर्ती को कम करके UTB फैकल्टी से ही कालेजों में नियुक्ति की जाएगी।
आरएमसीटीए की मांगें
– राज्य सरकार इस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले।
– 1962 के नियमों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार्य नहीं होगा।
-फैकल्टी की कमी की स्थिति में पातेय वेतन पर पदोन्नति तुरंत दी जाए।
-सह आचार्य एवं आचार्य की कमी होने पर रिटायर्ड मेडिकल टीचर्स को र्नियुक्ति कालेज स्तर पर दी जाए।
-नवीन स्थापित किये जाने वाले राजमेस कालेजों में एनएमसी के अनुसार मेडिकल ऑफिसर्स को नियुक्ति फैकल्टी की कमी पूरी करने के लिए पूर्व की भाँति वन टाइम ऑप्शन देकर किया जा सकता है।
-डीएसीपी (DACP) के प्रमोशन NMC की गाइडलाइन के अनुसार किए जाएँ।
-सहायक आचार्य की नियुक्तियाँ नियमित रूप से RPSC के माध्यम से की जाएँ।
आरएमसीटीए ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार द्वारा इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो संगठन आंदोलन एवं हड़ताल के लिए बाध्य होगा,जिसकी संपूर्ण ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।