जोधपुर,चमत्कारिक दक्षिण मुख सिगनापुर सिद्ध शनि पीठ शनिधाम शास्त्री नगर में सोशल डिस्टेंसिगं व कोरोना गाइडलाइंस की पालना करते हुए शनि जयंती 10 जून जेष्ठ मास अमावस्या गुरुवार को मनाई जाएगी। इस अवसर पर शनिधाम में तेल से दक्षिण मुखी शनि देव के अभिषेक किया जाएगा और शाम को 8:00 बजे भोग लगाकर महाआरती की जाएगी।

शाम 7:00 से 8:00 बजे तक जूम नेटवर्क पर मीटिंग आईडी 408-502-5648 पासवर्ड 222-222 से आनलाईन दर्शन की व्यवस्था रहेगी। महंत हेमंत बोहरा के अनुसार शनि जयंती पर चार योग एक साथ बन रहे हैं। नवग्रह स्वामी शनिदेव इस सृष्टि के न्यायाधीश हैं। मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के कर्मों के अनुसार शनि देव उसे वैसा ही फल देते हैं जैसा मनुष्य कर्म करता है।

हर वर्ष जेष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन शनि देव की विधि विधान से पूजा करने पर शनिदेव प्रसन्न होकर वरदान और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। रंक से राजा बना देते हैं। शनिदेव की विधि पूर्वक पूजा करने से भक्तों की सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है शनि कृपा बनी रहती है शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।

मनुष्य द्वारा जान बूझकर या अनजाने में की गई गलतियों का संपूर्ण हिसाब शनिदेव के पास होता है इसलिए शास्त्रों में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। अगर सही तरीके और पूरे विधि विधान से शनिदेव की पूजा की जाए तो इससे ग्रहों की दशा में सुधार होता है। इसके साथ ही शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है मान्यता है शनि जयंती को शनि पूजन करने से शनिदेव प्रसन्न होकर मनचाहा फल देते हैं शनि की बुरी दृष्टि नहीं पड़ती शनिदेव से आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इन उपायों से शनिदेव को करें प्रसन्न

– जिनको आर्थिक परेशानियां होती हैं उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करके सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनिदेव को तेल अर्पण करना चाहिए जो लोग सुबह शनि की उपासना नहीं कर पाते वे शाम को जहां शनिदेव दक्षिणमुखी हों व शीला के रूप में विराजमान हो मूर्ति के साथ समीप शीला का पूजन अति आवश्यक है। शमी के पेड़, पीपल में सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि कृपा व मनोवांछित फल, कष्टों से छुटकारा मिलता है। यश में कमी, परिश्रम का लाभ नहीं मिलना, पैसों की बरकत नहीं होना, हर काम रुकना, नौकरी पैसे वालों को अधिकारियों से परेशानियों, अधिकारियों से विवाद, व्यापारियों का व्यापार ठप हो जाना, शनि अशुभ होने पर दुर्घटना योग होता है।

– 26 मई 1873 के बाद सूर्य और शनि देव का सूर्यग्रहण और शनि जयंती एक साथ
– 100 वर्षों बाद चतुरयोगी शनि जयंती को चार योग एक साथ
– सूर्य ग्रहण शनि जयंती वट सावित्री व्रत और लक्ष्मी योग
– कई राशियां होगी मालामाल कईयों के लिए है खराब
– 18 जुलाई के बाद कोरेना से मिलने लगेगी राहत
– शनि दशा से ग्रसित गैया साढ़ेसाती शनि महादशा जांच हेतु अमृत संजीवनी दिवस योग शनि जयंती सुहागिनों और कन्याओ हेतु सौभाग्यवती दिवस
– सूर्य ग्रहण का अद्भुत राहु योग महालक्ष्मी योग 6 राशियां होगी मालामाल

यह कार्य नहीं करें

शनि जयंती अथवा शनिवार को बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए ऐसा करने से आर्थिक तरक्की रुक जाती है। शनिवार को पीपल पूजन में शनि कृपा के साथ विष्णु लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है शनिवार के अलावा पीपल को स्पर्श नहीं करना चाहिए अन्य दिन पीपल पूजा की जा सकती है परंतु स्पर्श नहीं करें धन हानि होती है। इस दिन पैसों के लेन-देन से बचें ब्रह्मचर्य का पालन करें वर्तमान में कुंभ धनु मकर राशि पर शनि साढ़े साती चल रही है। साढे साती से पीड़ित जातकों को नित्य दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

ऐसे लोगों से शनि होते हैं नाराज

शनिदेव शराब पीने, ब्याज चोरी करने जुआ सट्टा खेलने, पर स्त्री गमन करने झूठी गवाही देने, निर्दोष को सताने पीठ पीछे चुगली करने, माता-पिता, चाचा चाची सेवकों और गुरु का अपमान करने वालों, ईश्वर के खिलाफ बोलने वालों, दांतो को गंदा रखने वालों, वेश्या भैंसों को मारने वाला, सांप कुत्ते को सताने वालों से नाराज होते हैं। सफाई कर्मी व अपने गांव का अपमान भी इन्हें नाराज करता है।

शनि की नाराजगी से बचने हेतु नित्य शनि व हनुमान चालीसा का पाठ करें इसके अलावा भगवान भैरव को कच्चा दूध चढ़ाएं, छाया दान करें, भूखे को रोज रोटी दें, अंधे को, सेवकों को सफाई कर्मियों की सेवा करने के साथ तिल, उड़द, लोहा व तेल, काली वस्तु, काली गाय और जूता दान, छतरी दान, दक्षिणा ब्राह्मणों, पुजारियों को देने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं आशीर्वाद देते हैं। शनि देव का पूजन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद करना अति श्रेष्ठ माना जाता है। शनि जयंती के दिन पांच पीले रंग के फूल पाकिस्तानी काले तिल की भेंट चरणों में चढ़ाने से शनि महादशा व दुष्परिणामों से छुटकारा देकर रंक को राजा बना देते हैं।

शनिदेव को यह चढ़ाएं
शमी के पत्ते शनिदेव को सबसे अधिक प्रिय है तुरंत खुश होते हैं चरणों में चढ़ा, नीले फूल, नीले वस्त्र नीला रंग प्रिय चरणों में चढाएं।

वृश्चिक- कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी पारिवारिक जीवन में आनंद आएगा धन लाभ होगा भाग्योदय होगा।
मीन- आर्थिक समस्याओं से छुटकारा सेहत अच्छी सफलता मिलेगी धन योग है।
तुला- सर्वश्रेष्ठ योग्य धन लाभ होगा, पदोन्नति होगी, यश कीर्ति बढ़ेगी और भाग्योदय होगा रुका हुआ काम होगा।

ये भी पढ़े – उत्तर मैट्रिक छात्रवृति आवेदन की अंतिम तिथि 21 जून