वृद्धजन के प्रति ही खत्म हो रही है संवेदनाएं-अनुराधा

मरुधरा लोक कला एवं संगीत सेवा संस्थान आमसभा

जोधपुर,वृद्धजन के प्रति ही खत्म हो रही है संवेदनाएं-अनुराधा। बदलते परिवेश में हावी होती नई संस्कृति के कारण नई पीढ़ी अपने परिवार के वृद्धजन के प्रति पूरी तरह गंभीर और संवेदनशील नहीं है। इसका असर नई पौध यानी बच्चों में भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। यह बात समाज सेविका,वरिष्ट रंगकर्मी और वृद्धाश्रम की संचालक अनुराधा आडवाणी ने कही। वे शुक्रवार को मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की आमसभा को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं।

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उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने दादा-दादी और नाना नानी के नाम तक पता नहीं होते हैं,जो बड़ा ही चिंता में डालने जैसा है। इससे भी ज्यादा तकलीफ दायक स्थिति यह है कि उम्रदराज होते वृद्धजनों को वृद्ध आश्रम में स्वयं संताने छोड़ने आ रही हैं और उनके वृद्ध जन जब किसी बीमारी से गुजर रहे होते हैं तब फोन किए जाने पर बहाना बनाकर संभालने के लिए आने को टाल देते हैं,खुद को व्यस्त बता कर वृद्ध आश्रम के संचालकों को संभालने तक का कह देते हैं।

उन्होंने कहा कि वृद्ध आश्रम संचालक वृद्ध जनों को संभालने के लिए ही बने हैं लेकिन वृद्ध जन अपनी ही संतानों को बीमारी में याद करते हैं। उन्हें अपनी संतानों को देखने और मिलने की प्रबल इच्छा होती है। उनकी आंखों से आंसू बहते रहते हैं लेकिन संताने सूचना के बाद भी जब अपने ही जन्म देने वाले माता-पिता को आकर नहीं संभालते हैं तो वह स्थित मन को खराब कर देती है।

राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने में वर्षों तक समर्पित रही अनुराधा आडवाणी ने राजस्थानी लोक कला,संस्कृति, विरासत,संगीत और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आई मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति पूरी दुनिया में अपनी अनूठी पहचान रखती है इस संगीत,संस्कृति, लोक वाद्य,लोक कला,लोककलाकार और कठपुतली कला के कलाकारों से लेकर अलग-अलग विधाओं में पारंगत पारंपरिक लोक कलाकारों ने अपना सर्वस्व योगदान और पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। उनके प्रति पूरी गंभीरता के साथ कार्य करना,हम सभी का दायित्व है। विशेष तौर पर लोक कलाकारों को समुचित मान सम्मान दिए जाने की भी आवश्यकता है जिससे वे इस कला के संरक्षण और संवर्धन में अपनी ओर से और अधिक समर्पित रह सकें।

राजस्थानी लोक कला के संरक्षण और संवर्धन व सामाजिक सरोकार के प्रति समर्पण के मद्देनजर स्थापित मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की आमसभा का यह आयोजन नवजीवन संस्थान के सभागार में हुआ। समाज सेविका अनुराधा आडवाणी मुख्य अतिथि, संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में वृद्ध जनों के सम्मान,बच्चों के संस्कारों और राजस्थान की लोक कला और संस्कृति के संरक्षण के साथ कलाकारों के मान सम्मान को बनाए रखने जैसे विषयों पर मंथन हुआ।

मरुधरा लोक कला एवं संगीत सेवा संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने बताया कि राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग में विधि विधान से पंजीकृत करने के बाद नियमित रूप से निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति करने के साथ लोक कला और संस्कृति के सरंक्षण से जुड़े आयोजनों के अलावा सामाजिक सरोकार भी निभाए जा रहे हैं। उसी कड़ी में 100 महिलाओं के इस संगठन की आमसभा का आयोजन वरिष्ठ समाज सेविका अनुराधा आडवाणी के मुख्य आतिथ्य और संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जिसमें अब तक की गतिविधियों से रूबरू कराने के अलावा भविष्य की योजनाओं पर मंथन के साथ संस्थान के सदस्यों से उनकी राय भी जानी गई। विशेष तौर पर वृद्ध जनों के प्रति खत्म होती जा रही संवेदनाओं से लेकर बच्चों में महसूस की जा रही संस्कारों की कमी के अलावा राजस्थान की लोक कला और संगीत संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ लोक कलाकार की स्थिति को लेकर एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अध्यक्षता करते हुए डॉ स्वाति शर्मा ने इस अवसर पर अब तक किए गए सांस्कृतिक और सामाजिक सरोकार के आयोजनों और गतिविधियों के लिए पूरी टीम को साधुवाद दिया। विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में और अधिक मनोभाव से राजस्थान की लोक कला और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के आयोजन करने के साथ सामाजिक सरोकारों को समर्पित रहते हुए संस्थान के निर्धारित उद्देश्यों को साकार कर बेहतर परिणाम ला सकेंगे। उन्होंने वृद्ध जनों के सम्मान करने के साथ नई पीढ़ी के बच्चों में संस्कारों को समावेश करने का आह्वान किया और विश्वास दिलाया कि लोक कलाकारों के प्रति हमारा संस्थान समर्पित भाव से विभिन्न प्रकार के आयोजन करेगा।

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आम सभा की प्रारंभ में संस्थान की उपाध्यक्ष सुरभि शर्मा ने आमसभा के महत्व पर प्रकाश डाला। संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने संस्थान के उद्देश्य से अवगत कराया। सदस्य सुनंदा पुरोहित ने अब तक के आयोजनो की रूपरेखा को प्रस्तुत की। सुमन परिहार ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला,ज्योति भटनागर ने अनुराधा आडवाणी के ज परिचय से रूबरू करवाया। जबकि अर्चना गौड़ ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान की सदस्य, डिंपल गौड़,पूनम गौड़,देवयानी पंवार,बिंदु श्रीवास्तव,रश्मि शर्मा,हर्ष लता देवड़ा मौजूद थीं।