-रिश्वत देने वाला दलाल भी गिरफ्तार
-अधिकारी सेवानिवृति के बाद भी अवैध रूप से राजकार्य
करने की एवज में ले रहा था रिश्वत
-तलाशी में अकूत संपति बरामद
जोधपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, (एसीबी) ने राजस्थान ने वरिष्ठ आरएएस अधिकारी प्रेमाराम परमार जो बीकानेर में उप निवेशन विभाग में अतिरिक्त आयुक्त के पद से 30 अक्टूबर को ही सेवानिवृत हुआ था को नहरी भूमि आवंटन के बदले 5 लाख रूपये की रिश्वत राशि लेते हुए बाड़मेर स्थित आवास से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है तथा रिश्वत देने वाले दलाल नजीर खां निवासी पोकरण जिला जैसलमैर को भी गिरफ्तार किया गया है। एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी ने बताया कि करीब 1 माह पहले एसीबी की जानकारी में यह आया था कि प्रेमाराम परमार अतिरिक्त आयुक्त नहरी भूमि आवंटन में सेवानिवृति से तुरन्त पहले पौंग बांध विस्थापितों, भूतपूर्व सैनिकों,महाजन फील्ड फायरिंग रेन्ज के विस्थापितों व भूमिहीन किसानों के नाम पर दलालों के मार्फत भूमि आवंटन कर भारी रिश्वत राशि ले रहा है। इस पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एमएन के निर्देशन में विभिन्न टीमें गठित कर संदिग्ध अधिकारी पर सतत व सघन निगरानी प्रारम्भ की गई। उसी निगरानी के फलस्वरूप कल देर रात बाड़मेर स्थित राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी (री.) प्रेमाराम के निवास स्थान पर प्रेमाराम को दलाल नजीर खां पुत्र कायमदीन मुसलमान निवासी भदड़िया, पुलिस थाना नाचना, तहसील पोकरण, जिला जैसलमैर से 5 लाख रूपये की रिश्वत राशि लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। रंगे हाथों बरामद की गई राशि के तुरन्त पश्चात ली गई तलाशियों में प्रेमाराम के पास अकूत संपति होने के प्रमाण मिले हैं तथा करीब 20 लाख रूपये नकद भी बरामद हुए हैं। नहरी क्षेत्र में भू-आवंटन से संबंधित कुछ पत्रावलियां प्रेमाराम के यहां तथा दलाल नजीर खां के पास भी भारी मात्रा में नहरी क्षेत्र भू-आवंटन के दस्तावेज मिले हैं। उन्होंने बताया कि प्रेमाराम के जयपुर स्थित आवास से 8 लाख रूपए नकद व सम्पति के दस्तावेज,जोधपुर आवास से 7 लाख 72 हजार रूपए नकद व15 लाख के स्वर्ण आभूषण व जमीन जायदाद के दस्तावेज, एलएण्ड टी कम्पनी में शेयर के दस्तावेज व बाड़मेर आवास से करीब 3 लाख रूपये (5 लाख रिश्वत राशि के अलावा) व 20 लाख के स्वर्ण आभूषण इत्यादि मिले है। प्रेमाराम के जोधपुर आवास सर्च के दौरान बड़ी तादात में विदेशी और महंगी शराब की बोतलें भी मिली हैं, जिस पर थाना बोरानाडा, जोधपुर में आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जालोर स्थित 36 बीघा फार्म हाऊस के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा अन्य कई अचल सम्पतियों की जानकारी भी मिली है। अकूत सम्पति मिलने से आय से अधिक सम्पति (डीए) का प्रकरण और दर्ज होने की संभावना है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एमएन ने बताया कि दलाल नजीर खां द्वारा विस्थापितों को बहुत ही कम पैसे देकर उनके नाम पर उपनिवेशन विभाग की मिलीभगत से अच्छी ज़मीन आवंटित करवाकर अपने नाम अथवा अन्य के नाम रजिस्ट्री करवाकर आगे महंगे भाव में बेची जाती थी जो विस्थापित इनके माध्यम से जमीन आवंटित नहीं करवाता था उसे बेकार की बंजर जमीन देरी से आवंटित की जाती थी। एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है। यह कार्यवाही बाड़मेर में एसीबी, बीकानेर के यूनिट प्रभारी अति.पुलिस अधीक्षक रजनीश पूनियां, उप अधीक्षक शिवरतन गोदारा व एसीबी मुख्यालय से भेजे गए अधिकारियों राजेश दुरेजा पुलिस निरीक्षक व उनकी टीम द्वारा की गई है। एसीबी महानिदेशक, भगवान लाल सोनी ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं हैल्पलाईन नं.94135-02834 पर 24ग7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। विदित रहे कि एसीबी राजस्थान राज्य में राज्य कर्मियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार के कार्मिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने को अधिकृत है।