जोधपुर, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश देवेंद्र कच्छावाह ने बुधवार को भीलवाड़ा के मेडिकल कॉलेज के बायोकेमिस्ट्री के प्रोफ़ेसर डॉ शंकर मनोहर पंवार की ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली। आरोपी के अधिवक्ता डॉ रमनदीप सिंह सिद्धू खरलिया ने तर्क दिया कि आरोपी 53 वर्ष के बुज़ुर्ग  चीफ़ वॉर्डन के पद पर कार्यरत हैं और लेंगिक उत्पीड़ऩ समिति ने पूर्ण जाँच के पश्चात उनको निर्दोष पाया गया है।

खरलिया ने कोर्ट को अवगत कराया कि डॉ पंवार 20 दिन से न्यायिक अभिरक्षा में हैं और जाँच पूर्ण होकर उनका स्थानतरण भरतपुर कर दिया है जिससे साक्ष्य से छेड़छाड़ की कोई सम्भावना नहीं बची है। राज्य सरकार की ओर से राजकीय अधिवक्ता शिव कुमार भाटी और छात्रा के अधिवक्ता ने ज़मानत का विरोध कर कोर्ट को बताया कि आरोपी को अनुसंधान के पश्चात लगभग एक साल से पीड़िता को उत्पीडि़त किया जा रहा है। न्यायालय ने दोनो पक्षों को सुनकर परिस्थितियों के आधार पर और बिना कोई टिप्पणी कर ज़मानत देने का आदेश कर दिया।

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