जोधपुर, संत ललितप्रभ ने कहा है कि सकारात्मक सोच हमारे सुखी जीवन का आधार है। सकारात्मक सोच से व्यक्ति न केवल सफल जीवन का मालिक बनता है अपितु उसके जीवन में प्रेम, शांति और मधुरता भी घुली रहती है। नकारात्मक सोच क्रोध, ईर्ष्या ,चिंता, दुराग्रह, गलत नजरिया देती है।
सकारात्मक सोच से हमारे कार्य क्षमता में वृद्धि होती है, रिश्तों में मिठास घुलता है, मिलजुल कर काम करने की सोच बनती है , तनाव से बचाव होता है और हम प्रभावी व्यक्तित्व के मालिक बनते हैं। संत ललितप्रभ यहां संबोधि धाम में आयोजित दिव्य प्रवचन में सोशल मीडिया पर लाइव प्रवचन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोहे को उसका जंग बर्बाद कर सकता है, मनुष्य को उसकी नकारात्मक सोच हरा देती है।जीवन में कितनी भी समस्याएं खड़ी हों पर वे लोग जीवन की बाजी जीत जाते हैं जिनकी सोच बड़ी होती है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच का मालिक होने के लिए मिजाज को ठंडा रखना चाहिए, विपरीत वातावरण में भी धैर्य और शांति रखनी चाहिए , स्वयं को शांत और हंसमुख बनाना चाहिए।
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