आपराधिक मामला लम्बित होने पर भी 10 साल के लिए मिलेगा पासपोर्ट
- राजस्थान हाईकोर्ट का अहम आदेश
- दोषसिद्ध नहीं होने तक पासपोर्ट न देना संविधान के विरुद्ध
जोधपुर(डीडीन्यूज),आपराधिक मामला लम्बित होने पर भी 10 साल के लिए मिलेगा पासपोर्ट।राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को केवल इसलिए पासपोर्ट नवीनीकरण से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसके विरुद्ध एक आपराधिक मामला लंबित है,जब तक कि वह दोषसिद्ध न हो। न्यायाधीश कुलदीप माथुर की एकलपीठ ने ओम प्रकाश की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया।
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याचिकाकर्ता डीडवाना कुचामन निवासी ओम प्रकाश ने यह कहते हुए राहत की गुहार लगाई थी कि वह पूर्व में जारी पासपोर्ट (2015) का उपयोग कर विदेश जाकर आजीविका अर्जित करता था लेकिन वर्ष 2021 में उसके विरुद्ध थाना जसवंतगढ़,जिला नागौर में एक एफआईआर दर्ज होने के पश्चात उसका पासपोर्ट गत 14 जून को समाप्त हो गया। वह उसका नवीनीकरण नहीं करवा सका। इससे उसकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रजाक खान हैदर ने तर्क रखा कि यह केवल एक लंबित मामला है और नवीनीकरण से इनकार करना अनुच्छेद 21 के अंतर्गत प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
अदालत ने इस मामले में अबयजीत सिंह बनाम राज्य के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि पासपोर्ट की अवधि 10 वर्ष होना चाहिए। जब तक व्यक्ति दोषसिद्ध न हो। केवल एक लंबित आपराधिक मामला पासपोर्ट पर रोक लगाने का आधार नहीं बन सकता। अदालत ने यह भी कहा कि यह मानना कि छोटा पासपोर्ट जारी करने से फरारी रोकी जा सकती है,तर्कसंगत नहीं है। इसके अतिरिक्त,याचिकाकर्ता के खिलाफ फरार होने की कोई ठोस आशंका अथवा सबूत नहीं हैं।
न्यायालय ने कहा,’वर्तमान में याचिकाकर्ता दोषसिद्ध नहीं है और कानूनन तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक अपराध सिद्ध न हो जाए। ऐसी स्थिति में पासपोर्ट न देना,संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इस ऐतिहासिक फैसले से उन हज़ारों नागरिकों को राहत मिलेगी,जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं,लेकिन जिनका आजीविका विदेशी यात्राओं पर निर्भर करता है।