जेल से बाहर आते ही आठवें दिन दिया बड़ी सेेंध को अंजाम

खुलासा:

  • नाबालिग के साथ घुसा था सूने घर में
  • एक नाबालिग का भाई भी सुधार गृह से आया ही था
  • माल बेचने की फिराक में थे
  • शातिर नकबजन गैंग पकड़ी
  • 600 ग्राम सोना और दो किलो चांदी बरामद
  • दो बालक निरूद्ध
  • शातिर नकबजन गिरफ्तार

जोधपुर, शहर के प्रताप नगर पुलिस ने दस दिन पहले कमला नहेरू नगर स्थित सेक्टर डी में हुई बड़ी चोरी की वारदात को आज खुलासा करते हुए तीन लोगों को पकड़ा है। इसमें दो बालक शामिल हैं। जबकि एक युवक शातिर नकबजन है। पुलिस ने इनकी निशानदेही पर अभी 600 ग्राम सोना और दो किलो चांदी के आइटमों को जब्त किया है। पकड़े गए शातिर नकबजन के खिलाफ पहले से ही 13 प्रकरण चोरी, लूट और नकबजनी में दर्ज हो रखे हैं। इस बार उसने इसके लिए दो बालकों भी साथ लिया है। अब तक जांच मेें सामने आया कि शातिर नकबजन सप्ताह भर पहले ही जेल से रिहा होकर आया था। एक नाबालिग भी सुधार गृह से लौटा था। घटना में 934 ग्राम सोना चोरी होना बताया जाता है। शेष की बरामदगी के प्रयास चल रहे हैं।

पुलिस उपायुक्त पश्चिम वंदिता राणा ने बताया कि प्रताप नगर के कमला नेहरू नगर डी सेक्टर 142 में रहने वाले मोहम्मद अर्ष पुत्र मोहम्मद अयूब की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया था। इसमें बताया कि 9 फरवरी को उसके मामा मुंबई चले गए थे। परिवार के लोग पास मेें अन्य घरों में रहते हैं। 17 फरवरी को मामा के घर में चोरी होने का पता लगा। घर से अज्ञात चोर बड़ी मात्रा में सोना और चांदी लेकर चले गए थे। इस बड़ी चोरी की वारदात का खुलास करने के लिए एडीसीपी हरफूूल सिंह के सुपरविजन में गठित टीम में एसीपी प्रतापनगर प्रेम धणदे, प्रतापनगर थानाधिकारी सोमकरण, डीएसटी प्रभारी निरीक्षक मनीष देव के साथ जवानों को लगाया गया।

डीसीपी राणा ने बताया कि पुलिस ने साइबर सैल की मदद ली और आखिरकार एक शातिर नकबजन के साथ दो नाबालिगों को संरक्षण में लिया गया। आरोपी चांदना भाखर ज्योति नगर निवासी अमीरखां उर्फ मोंटू पुत्र चांद मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने तीनों की निशानदेही पर कुल 60 तोला सोने और दो किलो चांदी के आइटम बरामद किए हैं। अन्य माल बरामदगी के बारे में पता लगाया जा रहा है।

यूं दिया गया वारदात को अंजाम

प्रतापनगर थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि आरोपी अमीर खां उर्फ मोंटू 17 फरवरी को चोरी से आठ दिन ही जेल से जमानत पर रिहा होकर आया था। शौक मौज और नशे के लिए चोरियां करता है। पहले से ही प्रकरण दर्ज होने पर हिस्ट्रीशीटर भी है। उसने शौक मौज पूरे करने के लिए एक नाबालिग को साथ लिया। वे दोनों उक्त मकान पर पहुंचे और पता लगा कि ताला लगा है तो बाद में ताला तोड़क़र अंदर प्रवेश कर गए।

तिजौरी को नहीं तोड़ पाए, अलमारी से उड़ाया माल

पूछताछ में पता लगाया कि आरोपियों ने तिजौरी को तोड़ऩे का प्रयास किया मगर वह नहीं टूटी। अलमारी और अन्य दराजों मेें सोना चांदी दिखने पर लेकर चले गए। आपस में बंदरबांट कर अपने-अपने घरों में माल लेकर छुपा दिया।

दूसरा नाबालिग सुधार गृह से लौटा था

थानाधिकारी सोमकरण ने बताया कि केस में पकड़ा गया एक नाबालिग का दूसरा भाई भी नाबालिग ही है। जो खुद सुधार गृह से घटना से एक दो दिन पहले ही लौटा था। तब बाजार में माल बेचने की योजना बना रहे थे। मगर तब तक पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। चोरी करते ही माल नहीं बेचना चाहते थे कारण कि उन्हें पकड़े जाने का डर भी सता रहा था।

पुलिस टीम में यह भी थे शामिल

इस नकबजनी को खोलने के लिए पुलिस की टीम में एसआई रामकृष्ण ताड़ा, एएसआई श्रीराम, मदनसिंह, साइबर सैल के प्रेमचौधरी, हैडकांस्टेबल डीएसटी के बजरंग सिंह, पूराराम,ओमाराम,भरत लाल, शिव लाल एवं कांस्टेबल शंकर कुमावत, हरीराम, विश्वप्रताप सिंह, डीएसटी के कांस्टेबल बलवीर, फरसा राम, सुनील एवं सुरेश ने अपनी अहम भूमिका निभाई।

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