जिन्दगी एक खेल स्मृति शेष पुस्तक का लोकार्पण

जोधपुर,चौहान परिवार और अखिल विश्व गायत्री परिवार शाखा जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में युवा रचनाकार,संगीतज्ञ,राष्ट्रीय फुलेब्रिगेड महिलाविंग की प्रदेश प्रभारी, कम्युनटी वेलफेयर सोसायटी की पूर्व अध्यक्ष,अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं डिवाइन यूथ इंडिया एसोसिएशन की सक्रिय कार्यकर्ता स्व.ज्ञानेश्वरी चौहान की प्रथम पुण्य तिथि पर उनकी स्वयं की लिखी कविताओं, कहानियों एवं आलेखों का संग्रह ‘जिन्दगी एक खेल’ स्मृति शेष शीर्षक पुस्तक का लोकार्पण शुक्रवार को गायत्री शक्तिपीठ गणेश मदिर रोड, रातानाडा में आयोजित किया गया।

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चौहान परिवार की बसंती चौहान ने बताया कि पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार,लेखिका,कवयित्री, राजस्थानी भाषा की पहली उपन्यासकार एवं महिलाओं की साहित्यिक संस्था संभावना की उपाध्यक्ष बसंती पंवार ने की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्व महापोर डॉ ओमकुमारी गहलोत तथा प्रसिद्ध साहित्यकार,लेखिका एवं कवयित्री चांदकौर जोशी,डॉ कमलेश माथुर एवं नीलम व्यास विशिष्ट अतिथि थे।

कार्यक्रम की अध्यक्ष बसंती पंवार ने बताया कि जिन्दगी एक खेल स्मृति शेष पुस्तक स्व.ज्ञानेश्वरी की रचना संग्रह में स्वयं के संघर्ष को शब्दों में पिरोने के साथ-साथ समाज के हर पहलू को स्वयं से जोड़ने वाली रचनाएं लिखी गई हैं। ऐसी पुस्तक के लोकार्पण में उनकी कविताओं में धैर्य की प्राथमिकता बतायी गयी हैं।

मुख्य अतिथि पूर्व महापोर डॉ ओमकुमारी गहलोत ने लोकार्पण कार्यक्रम को पावन पर्व बताया और कहा कि नारी वो हीरा है जो दो परिवारों को संवारती है। उन्होंने बताया कि पुस्तक में ज्ञानेश्वरी द्वारा साहस का परिचय देते हुए लिखी गयी कविताओं में संस्कार संस्कृति प्रदर्शीत होती है।

विशिष्ट अतिथि चांदकौर जोशी ने बताया कि साहित्य से समाज की रक्षा होती है। स्व.ज्ञानेश्वरी ने यही कार्य किया है। डॉ कमलेश माथुर ने कहा इस रचना संग्रह को पढने पर आंखों के सामने उस रचनाकार की छवी अंकित हो जाती है। नीलम व्यास ने बताया कि मेंरे जीवन का यह पहला लोकार्पण है जो किसी रचनाकार के जाने के बाद किया जा रहा है। स्व.ज्ञानेश्वरी ने छोटी उम्र में बडे़ कार्य कर दिये। अन्त में गायत्री शक्पिीठ के व्यवस्थापक जसबीर सिंह ने बताया कि इस पुस्तक में स्व. ज्ञानेश्वरी ने कहानी,कविता एवं आलेखों की लेखनी से जीवन के संघर्ष के साथ-साथ युवा और नारी सशक्तिकरण को बखूबी दर्शाया है। उन्होंने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।