महज 64 दिन की न्यायिक कार्रवाई एक शर्मनाक स्थिति

राजस्थान हाईकोर्ट

जोधपुर(डीडीन्यूज),महज 64 दिन की न्यायिक कार्रवाई एक शर्मनाक स्थिति। राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पीएस भाटी और न्यायाधीश बिपिन गुप्ता ने जोधपुर में राजस्थान राज्य सिविल अपीलेट अधिकरण की स्थाई पीठ के नाम पर पिछले एक साल में महज 64 दिन की न्यायिक कार्रवाई को एक शर्मनाक स्थिति बताया। उन्होंने महाधिवक्ता को इस बाबत राज्य सरकार और अधिकरण अध्यक्ष से दिशा निर्देश लेकर आगामी पेशी 28 अक्तूबर तक न्यायालय को अवगत कराने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकरण की स्थाई पीठ के नियमित क्रियान्वयन की संतुष्टि के बाद ही याचिका पर अंतिम बहस की सुनवाई की जाएगी।

राजस्थान हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित और अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि 19 जुलाई 2022 को खंडपीठ ने जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ अधिसूचित करने के राज्य सरकार को निर्देश दिए और इसकी पालना में सरकार ने जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ की 4 मई 2023 को अधिसूचना जारी कर दी और जोधपुर पीठ के क्षेत्राधिकार में जोधपुर,उदयपुर,बीकानेर,पाली और बांसवाड़ा संभाग के सभी जिलों को शामिल करते हुए लंबित पत्रावलियों और नई अपीलों की सुनवाई जोधपुर में ही करने का आदेश जारी किया और इसी क्रम में गैर न्यायिक सदस्य तथा स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई लेकिन वास्तविक रूप से अधिकरण की स्थाई पीठ जोधपुर में क्रियान्वत नहीं हो पाई। अधिवक्ता पुरोहित और अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि इस पर गत 29 जनवरी को भी खंडपीठ ने साफ किया कि अंतिम बहस के पहले जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ का वास्तविक रूप से क्रियान्वन करना होगा।

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हाईकोर्ट के 4 सितंबर के आदेश की पालना में राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गत वर्ष सितम्बर से दिसंबर तक 25 दिन और इस साल जनवरी से अगस्त तक 39 दिन की न्यायिक कार्रवाई जोधपुर पीठ में हुई। उन्होंने कहा कि जनहित याचिका चलने योग्य नहीं होने से इस पर अंतिम बहस ही सुनी जाए। राजस्थान हाइकोर्ट की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पीएस भाटी और न्यायाधीश बिपिन गुप्ता ने कहा कि राजस्थान राज्य सिविल अपीलेट अधिकरण की स्थाई पीठ,जोधपुर के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद स्टाफ की नियुक्ति और संसाधन पूर्ण होने के बावजूद पिछले एक साल में महज 64 दिन की अल्पावधि की न्यायिक कार्रवाई होना बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। उन्होंने जनहित याचिका की अंतिम बहस प्रारंभ करने से पहले महाधिवक्ता को आदेश दिया कि जोधपुर में अधिकरण की स्थाई पीठ के वास्तविक क्रियान्वन बाबत राज्य सरकार और अधिकरण अध्यक्ष से दिशा निर्देश लेकर आगामी पेशी 28 अक्तूबर तक न्यायालय को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि अधिकरण की जोधपुर में स्थाई पीठ के नियमित क्रियान्वयन की संतुष्टि के बाद ही याचिका पर अंतिम बहस की सुनवाई की जाएगी।