जॉर्डन: स्वदेशी जागरण मंच का दो दिवसीय विचार वर्ग कार्यशाला प्रारंभ
वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रो.अश्वनी महाजन थे मुख्य वक्ता
जोधपुर/जॉर्डन(डीडीन्यूज),जॉर्डन: स्वदेशी जागरण मंच का दो दिवसीय विचार वर्ग कार्यशाला प्रारंभ। स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलम्बी भारत अभियान का दो दिवसीय प्रांत विचार वर्ग एवं कार्यशाला पाली जिले के जाडन स्थित ओम विश्वदीप गुरुकुल आश्रम के सभागार में प्रारंभ हुई। प्रांत प्रचार प्रमुख मिथलेश झा ने बताया कि उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष सुरेश भाम्भू तथा मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक डॉ अश्वनी महाजन थे।
प्रान्त सह प्रचार प्रमुख राधेश्याम बंसल ने बताया कि उद्घाटन सत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डॉ.अश्वनी महाजन ने विचार वर्ग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अन्य संगठनों में जिस प्रकार प्रशिक्षण वर्ग इत्यादि होते हैं वैसे ही स्वदेशी जागरण मंच में विचार वर्ग होता है। स्वदेशी जागरण मंच कोई संगठन नहीं बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है जहां के कार्यकर्ता विभिन्न विषयों पर विचार मंथन, मनन करते हुए समाज के लिए संघर्ष करने का काम करते हैं।
स्वदेशी जागरण मंच की स्थापना के बारे में उन्होंने बताया कि जब हमारे देश के चुने हुए प्रतिनिधि देश की आकांक्षाओं पर प्रहार करते हुए विदेशी कानूनों तथा अतर्राष्ट्रीय दबाव में कानून बनाने लगे,विदेशी दवावों में आकर कृषि,सेवा क्षेत्र, आईपीआर इत्यादि को बदलने के लिए कानून लाना चाहते थे जिसके कारण स्वास्थ्य,कृषि,रोजगार,लघु एवं कुटीर उद्योगों पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ना तय था,तब समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों ने 1991 में स्वदेशी जागरण मंच की स्थापना की तथा यह तय किया कि सरकारों की कोई राजनैतिक अथवा अंतरराष्ट्रीय मजबूरी हो सकती है परंतु जनता की नहीं। इस विषय को ध्यान में रखते हुए जनजागरण व जनसंघर्ष के लिए स्वदेशी जागरण मंच की स्थापना की गई।
उन्होंने कहा कि यह विचार वर्ग देश की आर्थिक स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए वार रूम जितना महत्व रखता है। आजकल के समय में विदेशी दबाव में देश की चुनी हुई सरकार देश विरोधी कानून बनाने के लिए मजबूर हो जाती है। जीएम सीड का उदाहरण देते उन्होंने बताया कि दुनिया के देशों में बीज बनाने वाली कंपनियों ने अपना अधिपत्य जमाया। ऐसे बीजों से खेती करने पर किसान स्वयं बीज नहीं बना पाता और उन्हें मजबूरन बीज निर्माता कंपनियों से बीज महंगे दागों में खरीदने पड़ते हैं।
जीएम सीड तथा विभिन्न पेस्टिसाइड्स के उपयोग से पूरे विश्व में कैंसर के मामले बढे हैं। किंतु भारत में स्वदेशी जागरण मंच के संघर्षों का परिणाम है कि यहां बीटी कॉटन आने के बाद 15-20 वर्षों में एक जीएम बीज भारत में नहीं आने दिया गया। यह स्वदेशी जागरण मंच ही है जिसने कहा कि यदि चीन के 90% सामान पर टैरिफ 0% हो जाएगा तो हमारे उद्योग धंधे समाप्त हो जाएंगे। जिसके चलते 400 जिलों में एक साथ स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने जिलाधीशों को ज्ञापन देकर बैंकॉक समझौते में प्रधानमंत्री को हस्ताक्षर नहीं करने के लिए विवश किया।
विभिन्न कानून यथा भूमि सुधार, कानून भूमि अधिग्रहण कानून, जीएम क्रॉप्स इत्यादि विषयों पर भी स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने व्यापक जन जागरण तथा संघर्ष द्वारा जीत हासिल की। स्वदेशी जागरण मंच देश को महान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम किसी बड़ी कंपनी के विरोधी नहीं किंतु यदि उसके कारण लघु एवं कुटीर उद्योग, कृषि,गरीब,युवा तथा किसान कमजोर होता है तो ऐसे विकास का स्वदेशी जागरण मंच विरोध करेगा।
जोधपुर : चेन्नई एषुंबूर स्टेशन यार्ड में तकनीकी ब्लॉक,ट्रेनों का मार्ग बदला
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आर्थिक नीतियां बनाते समय नीति निर्धारकों को यह सुनिश्चित अवश्य करना चाहिए कि बनाई गई आर्थिक नीतियां अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचा रही है अथवा नहीं।
कार्यक्रम को प्रसिद्ध उद्योगपति विनय बम्ब,मोहन जाट,स्वदेशी जागरण मंच क्षेत्र संयोजक डॉ. सतीश आचार्य,विचार विभाग प्रमुख अनिल वर्मा,कृषि प्रकोष्ठ के भागीरथ चौधरी,संघ के विभाग कार्यवाह भुवन दवे,वरिष्ट उद्यमी किशोर सिंह, स्वदेशी शोध संस्थान के डॉ कृष्ण अवतार गोयल,राष्ट्रीय परिषद सदस्य समुद्र सिंह फगोरा,किसान संघ मंत्री नरेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया।
उद्घाटन सत्र के अतिरिक्त दिनभर चले विभिन्न सत्रों में देवाराम जॉसन, गिरधारी सिंह राजपुरोहित,कमलेश गहलोत,शुभ सिंह सोढा,किशोर सिंह,देवादान,डॉ राजकुमार चतुर्वेदी, विश्वदीप गुरुकुल महाविद्यालय के निदेशक सुरेश गर्ग क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुदेश सैनी,प्रांत संयोजक प्रमोद पालीवाल,प्रांत समन्वयक रमेश बिश्नोई,युवा आयाम प्रमुख रमेश सोनी,प्रांत विचार विभाग प्रमुख अशोक जोशी,राष्ट्रीय परिषद सदस्य डॉ दर्शन आहूजा,प्रांत सहमहिला प्रमुख पूनम शर्मा इत्यादि ने संबोधित किया।
दो दिवसीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला के प्रथम दिन की विभिन्न सत्रों में स्वदेशी जागरण मंच के 13 जिलों से आए विभिन्न कार्यकर्ता, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय अधिकारी तथा स्थानीय नागरिक,स्थानीय उद्योगपती तथा संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।