जोधपुर: मिट्टी के तवे पर 70 कलाकारों ने किया अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त

16 वां अंतराष्ट्रीय रङ्गमल्हार आयोजित

जोधपुर(डीडीन्यूज),जोधपुर: मिट्टी के तवे पर 70 कलाकारों ने किया अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त । शहर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अच्छी बारिश की कामना के लिए अंतरराष्ट्रीय रङ्गमल्हार रविवार को जोधपुर के वीरदुर्गादास राठौर पार्क,मसूरिया पहाड़ी में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम संयोजक चित्रकार प्रदीप्त किशोर दास ने बताया की रङ्गमल्हार जो वरिष्ठ अंतराष्ट्रीय चित्रकार डॉ विद्यासागर उपाध्याय की प्रेरणा से 2009 से शुरू हुआ। विगत 15 वर्ष में अलग अलग माध्यम पर कलाकारों द्वारा सृजनात्मक कार्य किया गया,जिसमे एप्रन,चाय की केतली,झंडे,टीशर्ट,पेपर बैग,पंखी, लालटेन,छाता,साइकिल,कार आदि प्रमुख थे। इस बार मिट्टी के तवे को माध्यम के रूप में रखा गया था।

जोधपुर में यह आयोजन ईस्टर्न फाउंडेशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर एवं वीरदुर्गादास राठौर समिति के सानिध्य में हुआ। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोग उपस्थित थे। रङ्गमल्हार को यतीश कासरगोड, केशव वर्णोंती,रंजना जांगिड़,सीमांत पाल,टीकम खंडप्पा और मनोज संधा ने संचालित किया। इसमें जोधपुर के बरिष्ठ चित्रकार रतनसिंह राजपुरोहित मुख्य अतिथि,जोधपुर के फोटोजोउर्नलिस्ट रामजी व्यास, सामाजिक कर्मी एवं वैष्णव ब्राह्मण समाज के चेयरमैन सुरेश व्यास अतिथि के रूप में मौजूद थे।

विशिष्ठ व्यक्तिओं में वीरदुर्गादास राठौर समिति के सचिव भागीरथ रामावत,लायंस क्लब जोधाणा के प्रेजिडेंट अनिल जैन,सीनियर फोटोग्राफर मनोज बोहरा उपस्थित थे। रङ्गमल्हार के संयोजक प्रदीप्त किशोर दास ने बताया कि मानसून में होने वाला यह आयोजन न सिर्फ भारत मे बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आयोजित हो रहा है। चित्रकार तथा जोधपुर रङ्गमल्हार के पूर्व संयोजक केशव वरनोती ने संचालन किया था। अतिथियों ने समस्त प्रतिभगियों को प्रमाणपत्र दिए। ईस्टर्न फाउंडेशन के तरफ से अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेट किया गया।
इस अवसर पर रतनसिंह राजपुरोहित ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें सभी वर्ग के लोगों को अपनी सृजनसीलता दिखाने का मौका मिला। अतिथियों ने रंग बिरंग तवे देख कर सभी कलाकारों की तारीफ की। अंत में युवा कलाकार मनोज कुमार संधा ने अतिथि व प्रतिभागियों को धन्यवाद अर्पण किया।

डॉ रामा किशन ने यूके से की जॉइंट रिप्लेसमेंट में फेलोशिप

रङ्गमल्हार चित्रकार्यशाला में मिट्टी के तवे के ऊपर विभिन्न विषय वस्तु , पारम्परिक व आधुनिक चित्र अंकित किये थे। डॉ अख्लेश्वर माथुर,रंजना जांगिड़,अनुराधा अरोरा,सीमांत पल, प्रियांशी दवे,कुलश्री गेहलोत,आस्था, रीनू व्यास,शिवकाश माथुर,गीता देवी,टीकम खंडप्पा,सीमा शर्मा, प्रदीप्ता आसेरी,सुरेश आसेरी, रिधिशा पुनर,सुमित्रा,निकिता जैन, प्रतिभा मोहनपुरिया,विक्रम सिंगोदिया,अजय राम,मुस्कान सेठ,विनीता पुरोहित लोहरा, अशोक,वीरेंदर प्रताप सिंह भाटी, दीपिका शेखावत,ख़ुशी गेहलोत, ज्योत्स्ना सोनी,विदुषी कनौजिए, रिशिता नागार,सुहैल अहमद,सुजल शर्मा, प्रिंस जैन,गुंजन जांगिड़, सानवी अरोड़ा,लारा अरोड़ा,रमिला चौधरी,तनीषा प्रजापत,हर्षिता कुलरिया,डॉ गिरीश पटेल,हिताक्षी सिंह,विजयश्री माथुर,गरिमा शर्मा, इशिता भाटी,मेघा व्यास,लक्षित सोनी,योगेश सिंह,वैष्णवी गोयल, दीपिका त्रिवेदी,रक्षा कुमावत, शिवप्रताप सिंह भाटी,मनीषा शर्मा, तीर्थ राठी,शमा पुरोहित,हार्दिक वरनोती,पणिनि यके,अजयसिंह राजपुरोहित,दिव्या दाधीच,केशव वरनोती,मनोज कुमार संधा,यथीशा कासरगोड,अथर्व प्रियंक शर्मा, करनी सिंह,समीर खान,विजय, सतीश ने कार्यशाला में भाग लिया।