धूमधाम से मनाया भगवान जगन्नाथ की जल यात्रा महोत्सव
जोधपुर, शहर में सुनारों की घाटी स्थित 350 वर्ष प्राचीन जगदीश मंदिर में मंगलवार को जेष्ठ पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ की जल यात्रा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
मंदिर के पुजारी हरनारायण शर्मा ने बताया कि चार धामों में से एक जगन्नाथपुरी उड़ीसा से 350 वर्ष पहले लाई हुई भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की मूर्तियां जोधपुर के इस प्राचीन जगदीश मंदिर में स्थापना की गई थी।
आज के दिन भगवान जगन्नाथ जी, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा की मूर्तियां को निज मंदिर के गर्भ गृह से बाहर लाते हैं। इस अवसर पर भक्तजनों ने भगवान के चरण स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त किया। उसके पश्चात भगवान जगन्नाथ जी का 108 कलश से शाही स्नान व श्रृंगार के बाद विशेष आरती की गई।
पुजारी हरनारायण शर्मा ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अत्यधिक स्नान के कारण भगवान जगन्नाथ और दोनों भाई बहन बीमार पड़ जाते हैं। जिसके कारण उनको एकांतवास में रखा जाता है, राजवैद्य उनका इलाज करते हैं। करीब 15 दिनों तक कोई पूजा नहीं होती हैं,15 दिनों तक आराम करने के बाद भगवान और उनके भाई बहन का श्रृंगार के रूप में नेत्रदान संपन्न होगा। अगले दिन विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा धूमधाम से निकाली जाती है।
पुजारी शर्मा ने बताया कि भक्तजनों द्वारा मंदिर परिसर में आज दिन भर भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। मंदिर प्रशासन की ओर से भक्तजनों के लिए प्रसादी का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर जगदीश मंदिर परिसर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजाया गया।
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