जयपुर: अनवरत 50 घंटे की घुड़सवारी कर मान्या ने रचा कीर्तिमान
- राजस्थान की बेटी ने रचा इतिहास
- वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में दर्ज हुआ नाम
जयपुर(डीडीन्यूज),जयपुर: अनवरत 50 घंटे की घुड़सवारी कर मान्या ने रचा कीर्तिमान। घुड़सवारी खेल में भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए जयपुर की मान्या शक्तावत ने 50 घंटे तक लगातार घुड़सवारी कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। यह रिकॉर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में अधिकारिक रूप से दर्ज हो गया है। इससे पहले,यह रिकॉर्ड 40 घंटे का था। मान्या की इस उपलब्धि ने न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश को गौरवांवित किया है। यह अद्वितीय प्रयास रॉयल इक्वेस्ट्रियन क्लब, जयपुर के तत्वावधान में संपन्न हुआ।
रॉयल इक्वेस्ट्रियन क्लब जयपुर में सोलह वर्षीय मान्या शक्तावत ने 22 जुलाई को सुबह 4.20 बजे से 24 जलाई को सुबह 9.20 बजे तक लगातार सवारी कर 50 घंटे तक सवारी करने का यह रिकाॅर्ड बनाया और इस दौरान मान्या ने 21 घोड़ों पर सवारी की। मान्या ने रिकॉर्ड बनाने के दौरान मॉक,डिफेंडर,किट कैट,मरुधरा,किंग,मिस ग्लैंज,गुड मॉर्निंग इंडिया,बद्री,थंडर बोल्ट, रफ्तार,कैंडी,चिरमी,द इमेज,विराट, आर्मी कमांड,भीम,नकुल, अभिमन्यु,रॉयल पाल,आजाद,पीटर व गैल पिंग की सवारी की।
प्रत्येक घोड़ा अधिकतम 2 घंटे तक सवारी में सम्मिलित हुआ। इससे न केवल मान्या को निरंतर सवारी करने में सहायता मिली,बल्कि घोड़ों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखा गया। मान्या के पिता कैप्टन मुकेश सिंह शक्तावत,मुख्य कोच रामू राम,सह-कोच हरभजन सिंह,टीम सदस्य तोषिनी चैधरी, कोर्डिनेटर दुष्यंत सिंह मेड़तिया और भेरू देवासी ने आयोजन को सफल बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
पशुपालन विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न
यह आयोजन रॉयल इक्वेस्ट्रियन क्लब,जयपुर के तत्वावधान में संपन्न हुआ। क्लब ने इसे आयोजित करने, संसाधन जुटाने और हर स्तर पर सहयोग देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्य कोच रामू राम के नेतृत्व में पूरे आयोजन का कुशल संचालन हुआ। उन्होंने न केवल घोड़ों की देखभाल की बल्कि समय प्रबंधन और टीम की ऊर्जा बनाए रखने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
मान्या के पिता कैप्टन मुकेश सिंह शक्तावत पूरे आयोजन की रीढ़ बने रहे। उन्होंने लॉजिस्टिक्स से लेकर भावनात्मक समर्थन तक हर मोर्चे पर सक्रिय भूमिका निभाई और सुनिश्चित किया कि हर चरण पूर्ण समन्वय के साथ संपन्न हो।
मान्या का कीर्तिमान एक प्रेरणा
पिता कैप्टन मुकेश सिंह शक्तावत ने बताया कि मान्या की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि भारत में घुड़सवारी खेल को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने वाली प्रेरणादायक घटना है। यह रिकॉर्ड आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।