इंद्र ने मारवाड़ की सुनी पुकार, तेज और रिमझिम बारिश से नहाया शहर

  • सुबह ढाई घंटे की रिमझिम से झूम उठी सूर्यनगरी
  • बच्चों ने बारिश का लिया आनन्द
  • चल पड़ी कागज की कश्तियाँ
  • सडक़ों की खुली पोल

जोधपुर, दक्षिण पश्चिमी मानसून बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के नए सिस्टम से फिर से सक्रिय है। प्रदेश के साथ मारवाड़ में भी मानसून की सक्रियता बनी है। जोधपुर, पाली, जालोर एवं सिरोही में मानसून की बारिश हो रही है। जोधपुर शहर में रात से ही बारिश चल रही है। कुछ घंटो के लिए बंद हुई बारिश, शनिवार की सुबह जमकर रिमझिम के रूप में हुई। पहले तेज बौछारें पडऩी शुरू हुई फिर करीबन ढाई घंटे तक रिमझिम का दौर चला। इससे सडक़ों पर पानी बहने के साथ ही घरों में भी परनाले बहने लगे। आसमांं में अब भी बादल छाए हुए हैं और मौसम भी खुशनुमा बना हुआ है। भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली है।

लोगों ने खासकर बच्चों ने रिमझिम बारिश का भरपूर आनन्द लिया छोटे बच्चों ने घर में जिद कर छाता लेकर निकल पड़े कागज की कश्तियाँ चलाने। सुबह तक शहर में 22 एमएम पानी बरसा है। मौसम विभाग ने भी आगामी तीन चार दिनों तक बादल बारिश मौसम की संभावना जताई है। लौटते मानसून ने फसलों को नई जान देनी शुरू की है। आषाढ़ सावन लगभग सूखा बीतने के बाद अब बीत रहे भादवा में मानसून की सक्रियता बनी है। वैसे मानसून 15 सितंबर तक विदा हो जाता है। मगर इस बार लेटलतीफी के चलते यह कुछ आगे खिसक सकता है।

बंगाल की खाड़ी से बार-बार बन रहे कम दबावी क्षेत्र के कारण प्रदेश में मानसून की मेहरबानी बनी हुई है। मारवाड़ में भी मानसून सक्रिय हो उठा है। शनिवार की सुबह शहर में अच्छी बारिश हुई। पहले तेज बारिश का दौर हुआ फिर रिमझिम फुहारें चलती रही। इससे मौसम भी खुशनुमा हो गया। इधर बारिश के साथ ही शहर की सडक़ों की पोल भी खुल गई है। इस बार तय मात्रा से कम बारिश के बावजूद शहर की सडक़ें उधड़ गई हैं। सडक़ों पर गड्ढे बनने के साथ ही उनमें पानी भी जमा हो गया है, जिससे वाहन चालकों और पैदल राहगीरों को भी समस्या झेलनी पड़ रही है।

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