- एटीएस एवं एसओजी की बड़ी कार्रवाई
- दो सप्लायर गिरफ्तार
- 5.80 लाख रुपये के नकली नोट व उपकरण जब्त
जयपुर, एसओजी ने भारतीय जाली मुद्रा बनाने के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए जयपुर के गोनेर इलाके में महिमा कोपल नाम की एक आवासीय योजना के विला में नकली नोट बनाने के कारखाने पर देर रात दबिश देकर मौके से 5 लाख 80 हजार 900 रुपये की भारतीय जाली मुद्रा, आधे छपे नोट, कलर प्रिंटर, स्कैनिग मशीन, लेमिनेटर, भारी मात्रा में नोट छापने के कागज व अन्य सामान जब्त कर दो सप्लायरों को गिरफ्तार किया।
एटीएस व एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि एसओजी में दर्ज मुकदमे में वांछित अभियुक्त बृजेश मौर्या के बारे में मुखबिर से सूचना मिली कि वह अपने साथी प्रथम शर्मा के साथ मिलकर विला नम्बर 51 महिमा कोपल, आवासीय योजना में जाली भारतीय मुद्रा छापने का कारखाना चला रहा है।
सूचना पर 13 व 14 जुलाई की मध्य रात को डीआईजी एसओजी शरत कविराज के निर्देशन एवं पुलिस निरीक्षक विजय कुमार राय के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल डोडी राम व कांस्टेबल राम लाल व अन्य की एक टीम मौके पर भेजी गई। मौके पर पहुँच विला में पहली मंजिल पर दबिश दी, जहाँ पर बृजेश मौर्या व प्रथम शर्मा भारतीय जाली मुद्रा छापने की मशीनों व छपी मुद्रा के साथ नोटों की कटिंग करते हुए मिले।
टीम ने मौके से मुल्जिम बृजेश मौर्या पुत्र फूल सिंह मौर्या (28) निवासी वीरपुर, थाना माधवगंज जिला ग्वालियर मध्य प्रदेश व प्रथम शर्मा पुत्र अनिल शर्मा (19) निवासी मोहन नगर, पुरानी बस्ती, नाहरगढ रोड, जयपुर के कब्जे से 500 के 1147 नोट व 200 के 37 नोट कुल 5,80,900 रुपये की भारतीय जाली मुद्रा, आधे छपे नोट, कलर प्रिन्टर, स्कैनिंग मशीन, लेमीनेटर, भारी मात्रा में नोट छापने के कागज व नोट छापने के अन्य सामान जप्त किये।
दोनों अभियुक्त विला में रहकर कम्प्यूटर, प्रिन्टर, स्कैनर आदि के माध्यम से उच्च क्वालिटी की भारतीय जाली मुद्रा बना रहे थे। जप्त जाली मुद्रा हूबहू असली नोट की तरह ही दिखती है, जिसमे वाटर मार्क आरबीआई थ्रेड व संख्या का अंकन भी है। आरोपियों से विस्तृत पूछताछ जारी है।
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