आईआईटी जोधपुर का शोध: हमारी यात्रा अंतरिक्ष की उड़ानें सुरक्षा और जीवनशैली को बदल देंगी

  • रॉकेट को हल्का और दोबारा इस्तेमाल करने योग्य बना सकेंगे
  • आईआईटी जोधपुर का शोध -भविष्य को बदलने की ओर अग्रसर
  • हाइपरसोनिक उड़ान,पानी और शीतलन की नई तकनीक
  • सुरक्षा के लिए बड़े कदम
  • स्वच्छ पानी और शीतलन एक साथ उपलब्ध करवा सकेंगे
  • धमाकों से होगी सुरक्षा

जोधपुर(दूरदृष्टीन्यूज),आईआईटी जोधपुर का शोध: हमारी यात्रा अंतरिक्ष की उड़ानें सुरक्षा और जीवनशैली को बदल देंगी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के वैज्ञानिक ऐसी खोजों पर काम कर रहे हैं,जो आने वाले समय में हमारी यात्रा, अंतरिक्ष की उड़ानें,सुरक्षा और जीवन शैली को बदल देंगी। यह शोध डॉ.अरुण कुमार,सहायक प्रोफेसर,मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग एवं स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च डिवीजन के मार्गदर्शन में शॉक वेव्स और हाई-स्पीड फ्लो (SWAHS) लैब में किया जा रहा है।

सबसे अहम काम है हाइपरसोनिक प्रणोदन तकनीक पर,सामान्य रॉकेट भारी ऑक्सीजन टैंक लेकर चलते हैं,लेकिन डॉ.कुमार की टीम ऐसे स्क्रैमजेट इंजन बना रही है जो हवा से सीधे ऑक्सीजन लेकर उड़ान भरेंगे। इससे रॉकेट हल्के,किफायती और ज्यादा गति से उड़ सकेंगे। यह काम डीआरडीओ और एआरडीबी द्वारा समर्थित है और सीधे भारत के हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है।

दूसरा बड़ा शोध है सौर ऊर्जा आधारित संयुक्त समुद्री जल शुद्धिकरण और शीतलन प्रणाली। यह प्रोजेक्ट एएनआरएफ और एआरजी द्वारा समर्थित है। इसमें एक ऐसी तकनीक विकसित की गई है जो एक ही समय में शुद्ध पेयजल और शीतलन एक साथ उपलब्ध कराएगी। प्रयोगशाला स्तर पर इसका सफल प्रदर्शन हो चुका है और अब छोटे पैमाने का प्रोटोटाइप बनाया जा रहा है। यह तकनीक खासकर उन इलाकों के लिए उपयोगी है जहां पानी और बिजली की कमी रहती है।

इसी के साथ लैब रॉकेट को सुरक्षित ढंग से वापस लाने पर भी शोध कर रही है। यह तकनीक दुनिया में स्पेसएक्स जैसी कंपनियों ने दिखाई है। भारत में इसे अपनाने से अंतरिक्ष की उड़ानें सस्ती होंगी और देश की अंतरिक्ष क्षमता मजबूत होगी।
इसके अलावा,धमाकों से पैदा होने वाली शॉक वेव्स से बचाव के लिए भी तकनीक विकसित हो रही है। डॉ.कुमार और उनकी टीम ऐसे विशेष सुरक्षात्मक पदार्थ और ढांचे बना रहे हैं जो धमाकों के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देंगे। यह तकनीक सेना के साथ-साथ आम नागरिक सुरक्षा के लिए भी उपयोगी होगी।

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इस अवसर पर डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि हमारा शोध भविष्य की कल्पनाएँ भर नहीं,बल्कि ठोस समाधान है। चाहे हाइपरसोनिक उड़ान हो,पानी और शीतलन की समस्या हो,अंतरिक्ष यात्रा को किफायती बनाना हो या नागरिकों को धमाकों से सुरक्षित रखना। यह भारत को तकनीकी नेतृत्व की ओर ले जाएगा और ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करेगा। इन पहलों से आईआईटी जोधपुर यह सिद्ध कर रहा है कि राजस्थान की धरती से निकला शोध न केवल भारत,बल्कि पूरे विश्व के लिए नई दिशा दिखा सकता है।