हल्द्वानी: कारगिल विजय दिवस पर वीर सपूतों को किया नमन

महादेव गिरि संस्कृत उत्तरमध्यमा विद्यालय में हुआ भावपूर्ण आयोजन

हल्द्वानी(डीडीन्यूज),हल्द्वानी: कारगिल विजय दिवस पर वीर सपूतों को किया नमन।महादेव गिरि संस्कृत उत्तरमध्यमा विद्यालय, हल्द्वानी (नैनीताल,उत्तराखण्ड) में कारगिल विजय दिवस पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय में सेना के शौर्य को नमन विषय पर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित नाटक ‘कारगिल विजय’ का मंचन किया,जिसमें भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और वीरता को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया। छात्राओं ने शौर्य गीत और संस्कृत श्लोकों की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो उठा।

गोष्ठी में पूर्व सैनिकों सेवानिवृत्त हवलदार महेश चन्द्र जोशी (बंगाल इंजीनियर्स) और हवलदार निवास जोशी (3 कुमाऊँ रेजीमेंट) ने कारगिल युद्ध से जुड़ी घटनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह भारतीय जवानों ने विषम परिस्थितियों में भी अदम्य साहस दिखाते हुए विजय प्राप्त की।

विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ कृष्ण चन्द्र जोशी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमारे शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिनके बलिदान से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। यह दिवस नई पीढ़ी को देशभक्ति और साहस की प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर डॉ नवीन चन्द्र जोशी,चन्द्र बल्लभ बेलवाल, दिनेश चन्द्र तिवारी,डॉ राकेश चंद्र गुणवन्त ने भी विचार व्यक्त किए।

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कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिवार ने दो मिनट का मौन रखकर कारगिल युद्ध के शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत करने वाले इस आयोजन को सभी ने अत्यंत सराहा। प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम की सफलता हेतु आयोजक शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल विद्यार्थियों को ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी मिलती है,बल्कि उनमें देश के प्रति सम्मान और सेवा की भावना भी प्रबल होती है।

पूरे विद्यालय परिसर में राष्ट्रप्रेम का उत्साह देखने को मिला। शिक्षकों, विद्यार्थियों और अतिथियों ने एक स्वर में भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया। इस प्रकार महादेव गिरि संस्कृत उत्तरमध्यमा विद्यालय में आयोजित यह कारगिल विजय दिवस समारोह एक प्रेरणादायक और भावनात्मक आयोजन के रूप में स्मरणीय बन गया।

कार्यक्रम में कैलाश चन्द्र सनवाल, कंचन डालाकोटी,राकेश पैंठ, भवानीदत्त,राकेश पाण्डे,मनीष जोगी,गौरव वृजवासी,हर्षित जीवी तथा सभी छात्रों की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन सीबी बेलवाल ने किया।