जोधपुर, मारवाड़ में होली पर्व के बाद चौत्र मास कृष्ण पक्ष की सप्तमी यानी शीतलासप्तमी से चौत्र मास शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी चौत्र नवरात्रि की तीज पर आने वाली गणगौर तक मनाए जाने वाला यह पर्व महिलाओं द्वारा उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। जिसमें महिलाएं सजधजकर जलता हुआ दीपक रख घड़े (घुड़ले) को अपने सिर पर धर कर मंगल गीत गाते हुए सामूहिक रूप से मौहल्ले में घूमती हुई अपने रिश्तेदारों व परिचितों के यहां जाती हैं।
वहां अतिथि के रूप में उनका आदर सत्कार कर मान मनुहार की जा रही है। घुड़ने के दर्शन कर उस पर चढ़ावा चढ़ाते हुए सभी रोगों व कष्टों को दूर करने को लोक मंगल गीत गाते हुए सुख समृद्धि की मंगल कामना व प्रार्थना करती हैं।
पूरे शहर भर में हर मोहल्ले, कालोनियों में इस प्रकार का कार्यक्रम चल रहे हैं। गुरुवार को पांचवी रोड बालाजी मंदिर में भी घुड़ला घुमाने का आयोजन महिलाओं ने किया। इस अवसर पर महिलाओं ने ढोल थाली पर मंगल गीतों पर नृत्य किया। इस अवसर पर अनेक प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।