पूर्व कुलपति प्रो गौड़ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

  • आयुर्वेद के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए हुआ सम्मान
  • आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने प्रो. गौड़ के योगदान की सराहना की

नई दिल्ली(डीडीन्यूज),पूर्व कुलपति प्रो गौड़ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड। आयुर्वेद के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए प्रो.बनवारी लाल गौड़ को विज्ञान भवन,नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को भारत सरकार के आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने प्रदान किया।

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आयुष मंत्री ने की प्रो.गौड़ के योगदान की सराहना
सम्मान समारोह के दौरान केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने प्रो. गौड़ के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि प्रो.बनवारी लाल गौड़ का संपूर्ण जीवन आयुर्वेद के प्रचार- प्रसार और विकास के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा, शोध और शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं,वे अनुकरणीय हैं। यह सम्मान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि भारतीय आयुर्वेद परंपरा के गौरव का सम्मान है। आने वाली पीढ़ियाँ उनके कार्यों से प्रेरणा लेंगी।

कई गणमान्य हस्तियां थीं मौजूद
इस ऐतिहासिक अवसर पर कई गणमान्य हस्तियां उपस्थित थीं, जिनमें कांगड़ा से लोकसभा सांसद वैद्य राजीव भारद्वाज,आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा,भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग के अध्यक्ष जयंत देव पुजारी,राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की शासी निकाय के अध्यक्ष वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा शामिल हुए। सभी अतिथियों ने प्रो.गौड़ को बधाई दी और उनके कार्यों की प्रशंसा की।

प्रो.बनवारी लाल गौड़ का सफर और उपलब्धियां
प्रो.बनवारी लाल गौड़,डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय,जोधपुर के कुलपति रह चुके हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में आयुर्वेदिक शिक्षा,शोध और चिकित्सा में कई महत्वपूर्ण पहल कीं। उनके योगदानों में आयुर्वेदिक ग्रंथों और चिकित्सा पद्धतियों का आधुनिकीकरण,नई शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देना और युवाओं को अनुसंधान के लिए प्रेरित करना,आयुर्वेदिक औषधियों के वैज्ञानिक मानकीकरण और प्रमाणिकता पर विशेष कार्य, आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही।

इस सम्मान के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों,शोधकर्ताओं,छात्रों और प्रो.गौड़ के सहयोगियों ने उन्हें बधाइयाँ दीं। उनके शिष्यों और प्रशंसकों का कहना है कि यह सम्मान आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली की उन्नति के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।

सम्मान मिलने के बाद प्रो.गौड़ ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि संपूर्ण आयुर्वेद समुदाय का है। मेरा लक्ष्य हमेशा से आयुर्वेद को आधुनिक विज्ञान के अनुरूप विकसित करना रहा है। आने वाले समय में भी मैं इसी दिशा में कार्य करता रहूंगा।
कार्यक्रम का समापन आयुर्वेद के उत्थान और इसके वैश्विक स्तर पर विस्तार के संकल्प के साथ हुआ।