हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास बने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष

जोधपुर, राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास को राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनके अध्यक्ष बनने का पता चलते ही परिचितों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों का उनके यहां बधाई देने के लिए तांता लग गया। इस अवसर पर अपनी नियुक्ति को लेकर पूर्व न्यायाधीश व्यास ने कहा कि वह अपनी तरफ से लोगों की भरसक मदद करने का प्रयास करेंगे, लेकिन इसके लिए सभी से सहयोग की अपेक्षा भी रहेगी। उन्होंने कहा कि जोधपुर के लोगों की न्यायिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर रहने की लंबी परम्परा रही है। इस कड़ी में वे सबसे छोटे हैं लेकिन उन्हें जो जिम्मेदारी गहलोत सरकार ने सौंपी है उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। उनका सबसे बड़ा दायित्व होगा कि जिस तरह लोगों के मानवाधिकार का हनन होता है, या जिनके अधिकार नहीं मिल पाते है। यदि वे लोग अपनी समस्या उनके संज्ञान में लाएंगे तो वह उनके लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास का जन्म बीकानेर में हुआ था। उनका ननिहाल जोधपुर में है। ऐसे में उनकी शिक्षा व कर्मभूमि जोधपुर बन गया। वर्ष 2005 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था। वे वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हुए। वे ज्यूडिशियल अकादमी के चेयरमैन रहने के अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। गत विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान उनका नाम कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों के रूप में प्रमुखता से सामने आया था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। पूर्व न्यायाधीश व्यास को मुख्यमंत्री गहलोत का करीबी भी माना जाता है। ऐसे में लंबे अरसे से कयास लगाए जा रहे थे कि गहलोत उनके अनुभव का लाभ उठाते हुए कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी अवश्य सौंपेंगे।

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