जांच के लिए एसआईटी का गठन एसीपी व दो थानाधिकारी मिलकर करेंगे जांच
- नकली नोट प्रकरण
- एक प्रिंटर बरामद
- मिनर्वा सेेंटर से खरीदा था
जोधपुर,जांच के लिए एसआईटी का गठन एसीपी व दो थानाधिकारी मिलकर करेंगे जांच। नकली नोट प्रकरण की जांच के लिए अब एसआईटी का गठन किया गया है। इसके लिए एसीपी स्तर के अधिकारी और दो थानाधिकारी मिलकर जांच करेंगे। पुलिस ने पकड़े गए अभियुक्तों की निशानदेही पर एक प्रिंटर को बरामद किया है जोकि उन्होंने मिनर्वा सेंटर से खरीदा था। एसीपी पश्चिम नरेंद्र दायमा ने बताया कि पुलिस उपायुक्त पश्चिम गौरव यादव की तरफ से नकली प्रकरण की सही ढंग से जांच हो और कोई खामी न रहे इसके लिए एसआईटी का गठन किया है। जिसमें एसीपी पश्चिम खुद नरेंद्र दायमा,सरदापुरा थानाधिकारी प्रदीप डांगा और शास्त्रीनगर थानाधिकारी मोहम्मद सफीक को शामिल किया गया है। एसीपी दायमा ने बताया कि प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों के पास से आज एक प्रिंटर बरामद किया है जो शहर के मिनर्वा सेंटर से परचेज किया गया था। इनसे एक और प्रिंटर बरामद किया जाना है। नकली नोट प्रकरण में तीन और अभियुक्तों पाल गांव के रहने वाले हीरालाल देवासी,महेंद्र चौहान के साथ सुमेरपुर पाली निवासी अर्जुन उर्फ गौतम को पकड़ा गया था। इन लोगों ने मिलकर नकली नोट बोरानाडा इंडस्ट्रीयल एरिया में एक मकान में छापे थे। यह मकान आरोपी महेंद्र चौहान के मामा का है,जो पालन पुर गुजरात में रहते है। मकान खाली रहता है तब महेंद्र ने उसे किराए पर देने की बात की थी। मामा ने तीन हजार में किराए देने को कह दिया था। तब महेंंद्र ने खुद ही यह मकान किराए पर रख लिया। मामले में एसओजी- एटीएस के साथ अब एनआईए ने भी जांच शुरू कर दी है। 1.74 करोड़ रुपए नकली नोट के मामले में कई चौकाने वाले खुलासे हुए। पूरी टीम एक गैंग बनाकर काम कर रही थी। टीम के एक सदस्य संजय शाह ने यू ट्यूब से नकली नोट बनाना सीखा। इसे बनाने वाली गैंग में और भी कई लोग शामिल थे। नकली नोट की इतनी बड़ी खेप से नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी एनआइए के भी होश उड़ गए। जानकारी के अनुसार एनआइए ने पुलिस अधिकारियों से मामले की जानकारी ली है।
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सातों अभियुक्त्त पुलिस अभिरक्षा में
एसीपी नरेंद्र दायमा ने बताया कि प्रकरण में अब तक सात लोग गिरफ्तार कर लिए गए है। फिलहाल इनका ही प्रकरण से संबंध सामने आ रहा है और कोई होगा तो उसे भी जल्द पकड़ लिया जाएगा। अभी मामले में तफ्तीश चल रही है। चार आरोपी आठ दिन की और तीन अभियुक्त पांच दिन की पुलिस अभिरक्षा में हैं।
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