आबंटन में अनियमितता को लेकर किसानों ने जिला कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

भदवासिया रोडवेज डिपो में बनने वाली फल-सब्जी मंडी

जोधपुर, पावटा सब्जी मंडी को भदवासिया शिफ्ट करने का बाद, पावटा सब्जी मंडी में बैठकर सब्जी बेचने वाले फुटकर व्यापारियों के लिए भदवासिया मंडी प्रांगण में रोडवेज डिपो से मिलने वाली कीमती जमीन में कृषि उपज मंडी सचिव द्वारा 599 भू-खंडों के आंवटन को रोकने के लिए करीब सोमवार को 60 किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया। इसकी प्रतिलिपि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को प्रेषित की गई।

ज्ञापन देने आए किसानों की अगुआई कर रहे यशवंत देवड़ा ने बताया कि ज्ञापन में बताया गया है कि शहर में फल और सब्जी की खेती करने वाले 5 हजार किसानों की खातिर सरकार ने कृषि विभाग, कृषि उपज मंडी समितियों और मार्केटिंग बोर्ड का गठन किया गया है। कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके जिसके लिए सरकार के अरबों रुपये की योजना बनाई गई. लेकिन किसानों से सब्जियां लेकर बेचना एक निजी व्यवसाय है और जोधपुर शहर के हर गली-नुक्कड़ पर निजी दुकानों में सब्जियां बेची जाती हैं। इसके बावजूद जोधपुर में भदवासिया मंडी प्रांगण में सब्जी लेकर बेचने वालों को भदवासिया सब्जी मंडी प्रांगण में सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। जबकि सरकारी जमीन पर सब्जी बेचने वालों के लिए कृषि मंडी प्रांगण में किसी तरह का आवंटन करने का कृषि उपज मंडी अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है।

किसानो की अगुवाई कर रहे यशवंत सिंह देवड़ा ने बताया कि इसका तोड़ निकालने के लिए फुटकर व्यापारियों ने कृषि मंडी प्रशासन से मिलीभगत करके हाईकोर्ट में जाकर झूठ बोला कि उन्हे पावटा सब्जी मंडी प्रांगण में बैठकर सब्जी बेचने का लइसेंस प्राप्त है। मंडी प्रसाशन ने भी कोर्ट को यह कह दिया कि इनके लिए जोधपुर रोडवेज बस डिपो से मिलने वाली भूमि में स्थान दिया जायेगा। कोर्ट ने आर्डर कर दिया कि फुटकर व्यापारियों को उचित स्थान दिया जाय जबकि सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज में बताया गया कि कोर्ट में जाने वाले सभी व्यापारियों ने लइसेंस हेतु आवेदन में सब्जी बेचने का स्थान घर का पता बताया है, इसी आधार को लेकर करीब 200 किसानों ने उच्च न्यायालय, जोधपुर के आदेश को चुनौती दी है उक्त अपील को उच्च न्यायालय जोधपुर की डबल बेंच ने स्वीकार करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दे दिया था।

भदवासिया मंडी प्रांगण में भी रिटेल करने का सबसे पहला अधिकार किसानों का बनता है, क्योंकि फल और सब्जियां उगाने में लागत आती है, खाद बीज, बिजली के बिलों का भुगतान करने के बाद सब्जी, सब्जी मंडी प्रांगण में आती है जिस पर भारी लागत आती है ऐसे में रिटेल करने से ही सरकारी योजनाओं का पैसा किसानों की जेब में जायेगा। सडयंत्रपूर्वक सरकारी भूमि पर निजी स्वासाय का अवांटन करके मंडी प्रसाशन किसानों को बर्बाद करने का काम कर रही है तथा दस दिन पूर्व जिला कलक्टर, जोधपुर द्वारा तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब करने पर भी सचिव कृषि उपज मंडी समिति, जोधपुर द्वारा कोई जवाब नहीं दिये जाने तथा उच्च न्यायालय में अपील लंबित होने तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं होने पर प्रकरण को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को प्रेशित किया गया है।

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