अहंकार विनाशकारी-डॉ पदमचन्द्र

पुलिस कमिश्नर जोश मोहन भी पहुंचे प्रवचन सुनने

जोधपुर, अखिल भारतीय स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में पावटा, बी रोड स्थित चौरडिय़ा भवन में चल रहे चातुर्मास अनुष्ठान में बुधवार को आचार्य पार्श्वचन्द्र महाराज के अंतेवासी डा. पदमचन्द्र ने कहा कि  पद, प्रतिष्ठा ओर धन का जीवन में अहंकार कभी नहीं करना चाहिए। अहंकार विनाशकारी है। दीन,दुखी, असहाय व निर्धन को नीचा दिखाने वाले को परिणाम भुगतने पड़ते हैं। अपने प्रवचन में द्वारिका विनाश का वर्णन करते उन्होंने कहा कि आयंबिल तपस्या के कारण द्वारका का विनाश बारह वर्ष तक टल गया था। उन्होंने संसार के स्वरूप को समझाते हुए कहा कि जिस द्वारिका को कुबेर देवता ने बसाया, उसके अधिपति कृष्ण को अंतिम समय में रहने की जगह नहीं मिली। सोलह हजार रानियों के स्वामी को अंतिम समय प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं मिला।

मुनिश्री ने कहा कि नकारात्मक विचारों के साथ कौई भी कार्य शुरू नहीं करें। इससे कार्य सिद्ध नहीं होता। आप पहली बार में ही असफल हो जाओगे। उन्होंने कहा कि जो कार्य बल से नहीं होता, वह तपबल से संभव है। तपस्या से असंभव भी संभव हो सकता है। बुधवार को  जोधपुर पुलिस कमिश्नर जोश मोहन भी प्रवचन श्रवण करने पहुंचे। उन्होंने आचार्य पार्श्वचन्द्र से आशीर्वाद लिया।

अखिल भारतीय स्थानक वासी जयमल जैन श्रावक संघ के  स्थानक जयमल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवराज बोहरा तथा सचिव गौतम खिंवसरा, धर्मीचंद, ज्ञान चन्द बोहरा एवं रवि बोहरा ने माल्यार्पण एवं शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। पर्यूषण पर्व पर एकासना के सामूहिक तप, जीव दया, नवकार मंत्र,का जाप चल रहा है। इसके साथ ही कल्प सूत्र वाचन, अंतगड़दशांक सूत्र का वाचन, सहित सामूहिक प्रतिक्रमण के कार्यक्रम हो रहे हैं।

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