Body donation
Body donation: जोधपुर,शहर के जाने माने वन्यजीव व पर्यायवरण प्रेमी छवरलाल बोराणा पुत्र सालगराम बोराणा का मंगलवार को गोयल अस्पताल में निधन हो गया। हरफनमौला व्यक्तित्व के धनी माई डियर के नाम से मशहूर 84 वर्षीय छंवर लाल ने रेलवे वर्कशॉप से सेवा निवृत्त होने के बाद सेवा को ही जीवन का उद्देश्य बना लिया था। उन्होंने वानर सेवा समिति संस्था की स्थापना की और विगत 30 साल से शहर की पहाड़ियों में रहने वाले वानरों को नियमित रूप से फल व खाद्य सामाग्री खिलाते थे।
मूक पक्षियों को दाना पानी व जंगल के जीव जंतुओं के भोजन की व्यवस्था करते थे। इसी के साथ भीम भड़क स्थित स्वयं के आश्रम से गौ सेवा का काम भी करते थे। पर्यायवरण की रक्षा हेतु पेड़ पौधे लगाना व रख रखाव करते थे।(body donation)
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स्वस्थ व निरोगी जीवन जीने के लिए रोजाना नेहरू पार्क में भ्रमण व योग करते थे और लोगो को भी प्रेरित करते थे। खूब हँसना व लोगों को हंसाना उनकी जीवन शैली थी। हरफनमौला प्रवृत्ति के धनी बोराणा न केवल एक समाज सेवी थे बल्कि अच्छे लोक गायक भी थे। होली पर्व पर फाल्गुन गीत व श्लील गायकी के उस्ताद थे।मटकी बजाते हुए गायन करने का उनका अनूठा अंदाज़ था।।(body donation)
त्याग की मूर्ति बोराणा ने 20 वर्ष पूर्व अपने छोटे भाई पत्रकार मनोहर बोराणा को अपनी एक किडनी भी दान किया था।
ऐसी बहुमुखी प्रतिभा के धनी छंवर लाल बोराणा का गोयल अस्पताल में निधन हो गया। मानव सेवा को समर्पित बोराणा ने मृत्यु उपरांत अपनी देह को चिकित्सा विज्ञान के शोध व विकास हेतु दान करने का संकल्प लिया था। उनकी इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर का देहदान मेडीकल कॉलेज को कर दिया गया।।(body donation)
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