जोधपुर, महानगर के डांगियावास थाना क्षेत्र में एक दलित छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के प्रकरण मे पुलिस प्रशासन की ढिलाई के खिलाफ विभिन्न संगठनों की तरफ से गुरुवार को कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया।
आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। दलित शोषण मुक्ति मंच (डीएसएमएम) के प्रदेश संयोजक एडवोकेट किशन मेघवाल ने बताया कि गत 16 जून को यौन शोषण की शिकार बालिका ने जहर खा लिया था। इलाज के दौरान दूसरे दिन जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
मौत के बाद मृतका की मां ने उनके गांव के ही दो युवकों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। इस पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया लेकिन एक मुल्जिम की गिरफ्तारी ही दर्शाई। पुलिस अभी तक दूसरे आरोपी की भूमिका की जांच के नाम पर उसे बचाने की कोशिश कर रही है। इसको लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर दलित शोषण मुक्ति मंच, भीम-आर्मी भारत एकता मिशन और भीमसेना के कार्यकर्ता एकत्रित हुए और प्रदर्शन किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आपसी झगड़ों में उलझी हुई है, दलितों और महिलाओं पर लगातार हमले बढ़ रहे है। मुख्यमंत्री का गृह नगर अपराधों का गढ़ बन रहा है। प्रदर्शन के दौरान किशन मेघवाल, आनंदपाल आजाद, महिपासिंह चारण, इंद्रजीत मेघवाल, खुशाल जयपाल, किस्तुराराम बारुपाल, केआर बागरेचा, बक्साराम, गोविंद भाटी, गणपत मेघवाल, मुकेश पंवार एवं पीडि़त परिवार के सदस्यों सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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