50 हजार का इनामी अपराधी भजनलाल गिरफ्तार
- रेंज पुलिस की साक्लोनर टीम का ऑपरेशन रेड-प्रेयरी
- खुद का नियंत्रण कक्ष
- नाथद्वारा सांवरिया सेठ के दर्शन कर जाता धंधे पर
जोधपुर(डीडीन्यूज),50 हजार का इनामी अपराधी भजनलाल गिरफ्तार। जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने रेड प्रेयरी ऑपरेशन चलाकर मादक पदार्थ तस्करी के एक बड़े सौदागर 50 हजार की इनामी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के साथ उसका एक अन्य साथी भी गिरफ्तार किया गया है।
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रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर के धोरीमन्ना स्थित बाछला निवासी भजनलाल पुत्र नारायण राम विश्नोई पिछले डेढ़ साल से फरार चल रहा था। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित हो रखा था। वह नशे की दुनिया का बेताज बादशाह बनना चाहता था और पिछले 11 साल से इस धंधे में लिप्त रहा है।
उसके खिलाफ राज्य के विभिन्न चार जिलों में अब तक 8 प्रकरण सामने आ रखे हैं। उसके साथ में एक सहयोगी बाड़मेर के सेड़वा भवानीपुरा निवासी रूपाराम पुत्र किशनाराम विश्नोई को भी पकड़ा गया है। इसके खिलाफ भी आधा दर्जन प्रकरण दर्ज हो रखे हैं।
रूपाराम तीन राज्यों का अपराधी है तथा उस पर मध्यप्रदेश गुजरात व राजस्थान में प्रकरण दर्ज हैं। रूपा राम मध्यप्रदेश से पैरोल से फरार चल रहा है तथा गुजरात के दो प्रकरणों में 4 साल से वांछित भी है। दोनों आरोपियों के विरूद्ध मादक द्रव्यों की तस्करी,वाहन चोरी,आर्म्स एक्ट,फर्जी नम्बर प्लेटें,छीना झपटी के कई प्रकरण दर्ज हैं।
इस तरह करता कारोबार
आईजी रेंज विकास कुमार ने बताया कि इनामी भजनलाल हर सप्ताह एक बार नशा यात्रा कर मध्यप्रदेश, चित्तोड़ से राजस्थान तक छोटे वाहन में 3 से 4 क्विंटल डोडा चूरा लाया करता था। इस प्रकार पिछले एक साल में करीब 150-170 क्विंटल (15 से 17 टन) डोडा चूरा राजस्थान के मारवाड़ इलाके में आपूर्ति कर खपा चुका था। वह पिछले दस साल से यह धंधा कर रहा है। एक नशा यात्रा में करीब 2 से 2.5 लाख का मुनाफा कमा कर सालाना आमदनी से 1 से 1.5 करोड़ करता था। साल में सौ दिन काम ढाई सौ दिन आराम में बिताता था।
वाहन को बार बार काम नहीं लेता
आईजी विकास कुमार ने बताया कि शातिर भजनलाल एक ही वाहन को दुबारा काम में नही लेता था। पहले तो गुजरात,राजस्थान व मध्यप्रदेश में वाहन चुराने का काम किया पर सीसीटीवी का नेटवर्क लगने लगे व परेशानी होने लगी तो दिमाग लगाया।
अब वह गुजरात व मध्यप्रदेश के काले बाजार से सैकण्ड हैण्ड वाहन खरीदता,उसके इंजिन नम्बर व चेसिस नम्बर घिस देता और एक बार प्रयोग में लेकर उसी कीमत पर नशे के छोटे सौदागरों को बेच देता। इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर घिसने से पुलिस गाड़ी पकड़ भी लेती तो उसे चोरी का वाहन मानती और गाड़ी के मालिक तक पहुंच कर खरीदने वाले का नाम पता नहीं जान पाती।
नाथद्वारा सांवरिया सेठ को लगाता धोक
हर नशा यात्रा में भजनलाल जाते समय सांवरिया सेठ का तो वापसी पर नाथद्वारा में धोक लगाना नहीं भूलता था। उसका मानना था कि सांवरिया सेठ व नाथद्वारा महाराज की कृपा उसे नशे की दुनिया का बेताज बादशाह बनाएगी।
इस तरह आया पकड़ में
शातिर अपराधी भजनलाल बेहद सतर्कता व चालाकी के साथ काम करता था। वह न तो एक वाहन दुबारा प्रयोग में लेता,न एक दिन से ज्यादा एक मोबाइल चलाता,न एक स्थान पर एक दिन से ज्यादा रु और न ही एक मार्ग से लगातार यात्रा करता। पिछले चार महिनों से साईक्लोनर टीम हाथ पांव मारती रही पर वह एक सलाखें की तरह प्रकट होकर ओझल हो जाता। मादक द्रव्य तस्करी की साप्ताहिक यात्रा बदस्तुर जारी रही।
भजनलाल ने कुख्यात तस्कर विरदाराम सियोल की शार्गिदी में ड्राईवरी कर अपनी आपराधिक यात्रा शुरू की थी और स्वछन्द सम्राट बन बैठा था,कुछ वैसा ही सपना संजोये बैठा था इस बार भजनलाल का करीबी और पड़ौसी सहयोगी जो भजनलाल का ड्राइवर बनकर उसके साये की तरह चलता था।
पिछले वर्ष सड़क दुर्घटना में कंधे तुड़ा लेने के बाद भजनलाल की शारिरिक गतिविधियॉं थोड़ी थमी तब करीबी के दिमाग में कीड़े बुलबुलाने लगे और स्वतंत्र साम्राज्य की भूख प्रबल हो उठी। इधर शारीरिक रूप से कमजोर हुये भजनलाल ने अपने एक और करीबी रूपाराम को अपना अस्थायी उत्तराधिकारी बनाने के लिये प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया था। रूपाराम मध्यप्रदेश में पैरोल पर फरार होकर भजनलाल का करीबी शागिर्द बन बैठा था।
एक वाहन में तस्करी के लिए निकले
इनामी अपराधी भजनलाल,रूपा राम को लेकर तस्करी यात्रा पर हमेशा की तरह निकल पड़ा। इस बार की योजना पहले नाथद्वारा दर्शन फिर ठिकाने पर जाने की थी। योजना के मुताबिक मुखबिर ने नाथद्वारा पहुंचकर भजनलाल व रूपाराम को अपने करीबी के होटल कमल होटल में टिका दिया। अगले दिन दर्शन की बात तय हुई और खुद गाड़ी लेकर एक सम्पर्क सूत्र से सौदा करने के बहाने खिसक गया।
मुखबिर से सिग्नल मिलने ही साईक्लोनर की टीम ने नाथद्वारा के कमल होटल पर दबिश डाल दी। कमल होटल के कमरा नम्बर 102 में आराम फरमा रहा,सहयोगी की प्रतीक्षा कर रहा भजनलाल अपने सहयोगी रूपाराम के साथ आसानी से पुलिस के चंगुल में आ गया।
खुद का नियंत्रण कक्ष बनाया
भजनलाल के चितौड़ के भदेसर इलाके में एक उँची पहाड़ी पर अपना नियत्रंण कक्ष बना रखा था। पहाड़ी मन्दिर की पिछली दीवार के पास एक झरोखे पर एक स्थायी मोबाइल रख रखा था। गैंग के सदस्य अगर पहाड़ी पर पहुंचते तो मैसेज बॉक्स मेंं ड्राफ्ट में संदेश छोड देते थे। जब भजनलाल वहां पहुंचता तो वह सारे ड्राफ्ट संदेश पढक़र आगामी योजना बना लेते।
मंदिर का पुरोहित समय-समय पर उक्त मोबाइल को चार्ज कर सक्रिय रखता था। किसी गैंग सदस्य को कोई आपातकालीन संदेश भेजना होता तो वह उक्त फोन से भजनलाल की पत्नी को संदेश भेज सकता था।
गुरू विरदाराम से किया था विश्वासघात
हाल ही में कुख्यात बिरदाराम की सम्पति जब्ती के अगले दिन सड़क दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गयी थी। भजनलाल ने अपने गुरू विरदाराम के साथ विश्वासघात किया था और फिर इस धंधे को अपनाने के लिए लग गया। वर्ष 2014 में जिस पेट्रोल पम्प पर नौकरी करता था भजनलाल,उसी पेट्रोल पम्प पर 3 जुलाई,2014 को हथियारों से लैस होकर तोडफ़ोड़ कर 10 लाख से ज्यादा की राशि की लूट कर अपराध की दुनिया मेंं कदम रखा था।
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