गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं के साथ ही बच्चों के समुचित पोषण को बढ़ावा देगी इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने किया धार टीएसपी जिलों में योजना का शुभारंभ

जयपुर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना की शुरुआत महिला सशक्तीकरण की दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा उठाया गया एक अहम कदम है। स्वस्थ एवं पोषित बच्चे देश का भविष्य हैं। गर्भवती महिला को उचित पोषण मिलेगा तो बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा। राज्य सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना माताओं एवं बच्चों में कुपोषण कम करने के साथ-साथ बच्चे के समुचित विकास में मां के पोषण के महत्व के संबंध में जागरूकता भी बढाएगी। गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं बच्चे को उचित पोषण देने के उद्देश्य से शुरू की गई इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना के शुभारम्भ के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर उनके जन्म दिवस पर इस योजना की शुरुआत को उन्होंने ऐतिहासिक बताते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानो की अनुपालना में जिस भावना के साथ राज्य सरकार ने द्वितीय प्रसव के समय महिलाओं के लिए यह योजना शुरू की है उसे ध्यान में रखते हुए परिवार के लोग गर्भवती एवं धात्री महिला तथा बच्चे के पोषण का पूरा ख्याल रखें।

पूरे प्रदेश में चरणबद्ध रूप से लागू होगी योजना:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को प्राथमिकता देते हुए इस योजना की घोषणा इस वर्ष के राज्य बजट में 13 मार्च को की गई थी। फिलहाल यह योजना मातृ एवं शिशु पोषण संकेतकों पर बनी रैकिंग के आधार पर प्रदेश के चार अत्यधिक पिछड़े टीएसपी जिलों उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ में शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसे चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू करेगी। गहलोत ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थान की तर्ज पर पूरे देश में यह योजना लागू करने की मांग करेंगे। उन्होंने इस योजना के संबंध में सोनिया गांधी के सुझाव का जिक्र करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि यूपीए सरकार के समय कानून बनाकर देश में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया था। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए योजना बनाने का प्रावधान भी था।

प्रतिवर्ष 77 हजार से अधिक महिलाएं होंगी लाभान्वित:-
योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा खान एवं भूविज्ञान विभाग मिलकर कार्य करेंगे। प्रतिवर्ष करीब 77 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी। इस पर 43 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे, इसमें वित्त पोषण खान एवं भूविज्ञान विभाग के अधीन स्टेट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। गहलोत ने योजना के लोगो, पोस्टर एवं ब्रोशर का भी विमोचन किया। योजना के शुभारम्भ के अवसर पर चारों जिलों की दो-दो लाभार्थियों को प्रथम किश्त के रूप में एक-एक हजार रूपये के चैक दिए गए। कार्यक्रम में खान एवं गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि इस योजना का शुभारम्भ मातृ शक्ति को सम्बल प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। लाभार्थी महिलाओं को पांच चरणों में छह हजार रुपये मिलेंगे महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा तीन वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। इस योजना में दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थी महिलाओं को पांच चरणों में 6 हजार रुपए की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाएगी। पहली किश्त 1000 रुपए गर्भावस्था जांच व पंजीकरण होने पर, दूसरी किश्त 1000 रुपए कम से कम दो प्रसव पूर्व जांचें पूरी होने पर, तीसरी किश्त 1000 संस्थागत प्रसव होने पर, चाथी किश्त 2000 रूपए बच्चे के जन्म के 105 दिन तक सभी नियमित टीके लगने तथा बच्चे का जन्म पंजीकरण होने पर तथा पांचवी एवं आखिरी किश्त 1000 रूपए दपती की दूसरी संतान पैदा होने के तीन माह के भीतर परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर दी जाएगी। इससे परिवार नियोजन को भी बढ़ावा मिलेगा। ममता भूपेश ने कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर सोनिया गाधी द्वारा भेजा गया बधाई संदेश पढकर सुनाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरे बच्चे के जन्म के समय गर्भवती महिलाओ, धात्री माताओं एवं बच्चों के पोषण के संबंध में सोनिया गांधी द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर यह योजना लागू की है, इसके लिए प्रदेश की मातृ शक्ति उन्हें साधुवाद दे रही है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत नवम्बर 2020 एवं इसके बाद जन्मे दूसरे बच्चे के समय गर्भवती महिलाओं को लाभ मिलेगा। इस योजना में केन्द्र सरकार की ओर से फिलहाल कोई राशि नहीं दी जा रही है। योजना पर राशि पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा खर्च की जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग सचिव कृष्णकांत पाठक ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एएनएम एवं आशा सहयोगिनी लाभार्थी महिलाओं को उचित पोषण एवं शिशु की देखभाल के संबंध में परामर्श देंगी। चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फण्ड फाउण्डेशन तथा आईपीई ग्लोबल योजना के क्रियान्वयन में राज्य सरकार का सहयोग करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव खान एवं भूविज्ञान अजिताभ शर्मा, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, निदेशक आईसीडीएस प्रतिभा सिंह, आईपीई ग्लोबल के निदेशक राघवेश रंजन, चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फण्ड फाउण्डेशन के प्रबंधक हेमांग शाह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जिन चार जिलों में आज योजना की शुरुआत हुई है वहां लाभार्थी महिलाएं एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।

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