दलाई लामा को नोबल पुरस्कार मिलने की 35वीं वर्षगांठ मनाई

जोधपुर,विश्व मानवाधिकार दिवस पर तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को शान्ति के क्षेत्र में मानवाधिकार के लिए अहिंसक आंदोलन करने पर नोबेल पुरस्कार दिया गया था। जिसकी आज 35 वीं वर्षगांठ मनाई गई।

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इस दिन को तिब्बती विश्व में मानवाधिकार दिवस उत्साह से मनाते हैं। इसी कार्यक्रम के तहत जोधपुर में हर साल सर्दियों में आने वाले तिब्बती ऊनी वस्त्र व्यापार संघ द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सेवानिवृत एअर चीफ़ प्रमुख जगदीश शर्मा एवं सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी के मुख्य आतिथ्य एवं भारत तिब्बत मैत्री संघ राजस्थान की प्रदेश अध्यक्ष रेशमबाला एवं महामंत्री पुखराज जांगिड एडवोकेट के विशेष आतिथ्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में तिब्बत-भारत के राष्ट्रीय गान के पश्चात तिब्बत संस्कृति का सांस्कृतिक नृत्य एवं गान की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथि जगदीश शर्मा ने बौद्ध धर्म की सराहना करते हुए कहा कि बौद्ध भिक्षु त्याग,तपस्या व धर्म अनुसरण की प्रतिमूर्ति है और उनके अनुवाई भारत में शांतिपूर्ण तरिके से व्यापार कर अपनी जीविका उपार्जन करते हैं।

विधायक देवेंद्र जोशी ने कहा कि चीन ने भारत में घुसपैठ करने हेतु तिब्बत से तिब्बतियों को बेदख़ल कर अपने अधिकार में ले लिया और भारत ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उनको भारत में शरण देकर उनको भारत में रहने व व्यापार करने की अनुमति दी।

प्रदेश अध्यक्ष रेशमबाला ने कहा कि तिब्बतवासी दलाई लामा को अपना भगवान मानते और उनके बताये रास्ते पर शांतिपूर्वक जीवन यापन करते हैं। महामंत्री पुखराज जांगिड एडवोकेट ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बतियों पर अत्याचार किया और सरकार के विरूद्ध तिब्बती महिलाओं ने आन्दोलन किया। दलाई लामा ने चीन द्वारा किये अत्याचार से सुब्ध होकर तिब्बत छोड़ने का अपने अनुयायी को आदेश दिया और तिब्बतियों ने तिब्बत छोड़ भारत की शरण ली।

कार्यक्रम मे लक्ष्मण बागरवा समाज सेवी,भारत तिब्बत मैत्री संघ के एन डी निम्बावत,राजेश राठी,जगदीश तंवर दिनेश शर्मा,सुखदेव प्रजापत, गिरधारीसिह राजपुरोहित,किशोरी लाल भदरेचा शैलेंद्र चौहान,किशन लाल,सुनिल ओझा,गौरव निम्बावत दिनदयाल पुरोहित सहित कई लोग सम्मिलित हुए। तिब्बती ऊनी वस्त्र व्यापार संघ के प्रधान काशंग, जिगमे,ज्ञान सिंह सहित सभी तिब्बतियों ने स्वागत किया। जिला अध्यक्ष शीतल सुराणा ने सबको धन्यवाद दिया।