जोधपुर, भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह का प्राकट्य दिवस आज श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस दौरान कोरोना गाइड लाइन की पालना में शहर में कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ। इस बार भी पिछले साल की तरह जूनी मंडी स्थित गंगश्यामजी के मंदिर के बाहर नृसिंह चतुर्दशी को दशकों से चला आ रहा परम्परागत मलूका मेला नहीं भरा गया। मंदिरों में सिर्फ पुजारियों ने पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर व्रत रखा और भगवान विष्णु और नृसिंह की पूजा की।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण किया था। इसलिए इस दिन नृसिंह जयंती मनाई जाती है। भगवान नृसिंह को शक्ति, पराक्रम तथा शत्रुओं के नाशक के रूप में जाना जाता है। कोरोना महामारी के कारण इस बार भी लोगों ने घरों में ही नृसिंह जयंती मनाई। उन्होंने व्रत-पूजन कर भगवान नृसिंह की आरती की। शहर में जालोरी बारी स्थित नृसिंह दड़ा मंदिर, बनावतों का बास स्थित नृसिंह मंदिर आदि मंदिरों में सादगी से पूजा-अर्चना की गई। यहां आमजन को प्रवेश नहीं दिया गया। भगवान नृसिंह का पंचामृत से अभिषेक, पूजन व श्रृंगार कर आरती की गई।
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