जोधपुर, शहर में आज सावन का अंतिम सोमवार मनाया गया। इस सावन महीने को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। सावन के महीने में भगवान भोले नाथ की पूजा को महत्त्वपूर्ण और प्रभावकारी माना जाता है। इस बार श्रावण मास रविवार से शुरू हो कर रविवार को ही खत्म हो रहा है। शहर में आज शिव मंदिरों में शिवभक्तों का रेला उमड़ा। कुंवारी और सुहागिनों ने भगवान भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी।
सावन के अंतिम सोमवार को शहर के सभी शिवालयों के साथ घर-घर पूजा अर्चना, दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किए गए। कोविड-19 की गाइड लाइन की पालना करते हुए प्रमुख शिवालयों में विशेष अनुष्ठान व महारुद्राभिषेक किये गए। उम्मेद उद्यान स्थित सार्वजनिक शिवालय, चांदपोल स्थित सिद्धपीठ रामेश्वर धाम, कटला बाजार स्थित अचलनाथ, सोजतीगेट-भोमेश्वर महादेव, भोगिशैल पहाडिय़ों में स्थित जबरनाथ, जागनाथ, पंथेश्वर व इकलिंग महादेव में ऋतुपुष्पों का शृंगार किया गया। भोगिशैल पहाडिय़ों में स्थित मंडलनाथ में महादेव का महारुद्राभिषेक व ऋतुपुष्पों का शृंगार किया गया। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड 20ई सेक्टर स्थित सिध्देश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक किया गया।

कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थनाएं

शिवालयों व घरों में कोरोना से मुक्ति व अच्छी बारिश के लिए प्रार्थनाएं की गई। चारों ओर भक्ति का माहौल बना रहा। बम-बम भोले व हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक के बाद बिल्व पत्र, धतूरा, बेल, आक के फूल शिवजी को  अर्पित किया। भक्तों ने व्रत रखा और दान पुण्य भी किया। सावन के पहले सोमवार को भगवान इंद्र ने महादेव पर बारिश कर जलाभिषेक किया। आज भी सावन को अंतिम सोमवार सूखा ही बीता।