किसानों व व्यापारियों का पलायन रोकने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार

  • राजस्थान ग्वार गम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने टैक्स में छूट देने के लिए मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
  • कभी निर्यात में सबसे आगे रहने वाला ग्वार गम व्यवसाय तोड़ने लगा दम
  • राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में जाकर किसान और व्यापारी बेचने लगे ग्वार गम

जोधपुर,किसानों व व्यापारियों का पलायन रोकने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार। देश के अन्य राज्यों की तरह टैक्स में छूट नहीं दिए जाने के कारण राजस्थान का ग्वार गम उद्योग दम तोड़ने लगा है। किसान पलायन करके अपना माल पड़ोसी राज्यों में बेचने लगे हैं, फैक्ट्रियां बंद होने लगी हैं। ऐसे में गवार गम व्यापारियों ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से 10 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में गवार गम उद्योग पर लगाए गए टैक्स समाप्त करने का आग्रह किया है।

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राजस्थान ग्वार गम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव श्रेयांश मेहता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल लाल शर्मा को पत्र लिखकर ग्वार गम व्यापारियों ने अवगत कराया है कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों हरियाणा,दिल्ली,पंजाब व गुजरात में कृषि आधारित एवं खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों को कृषि मण्डी टेक्स में छूट प्रदत्त है। उदाहरण के तौर पर हमारे पड़ोसी राज्य हरियाणा में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को प्रोत्साहन देने हेतु हाल ही में नीति घोषित करते हुए सम्पूर्ण रूप से मण्डी टेक्स में कच्चे माल हेतु शत प्रतिशत छूट प्राप्त है। अन्य पड़ोसी राज्यों में भी अधिकतम कृषि मण्डी टेक्स 0.5 प्रतिशत है।

राजस्थान में प्रचुर मात्रा में उत्पादित होने वाला ग्वार का प्रसंस्करण राज्य के पड़ोसी राज्यों जहां पर कृषि मण्डी टेक्स में छूट है,में जाकर होता है जिससे राज्य के मौजूदा ग्वार गम आधारित उद्योग बंद होने की कगार पर हैं। राज्य में ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उत्पादों ने देश में अपना अग्रणी स्थान बनाया है और कृषि व ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहित करने एवं ग्वार गम आधारित रोजगार सृजित करने हेतु अन्य राज्यों की भांति ग्वार कृषि जिन्सों को कर मुक्त करने की जरूरत बताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य में ग्वार गम उद्योग को मण्डी टेक्स में शत प्रतिशत की छूट प्रदान की जानी चाहिए,जिससे राज्य के ग्वार गम आधारित उत्पाद अन्य राज्यों के ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योगों से प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे व प्रदेश में ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योगों में त्वरित वृद्धि होगी व नये निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।

सचिव मेहता ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया कि राजस्थान सरकार के जीएसटी राजस्व में भी वृद्धि होगी अगर कच्चा माल प्रदेश में प्रोसेस होगा ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योगों पर 5 से 18 प्रतिशत तक जीएसटी दरे लागू हैं। राजस्थान में ग्वार/ग्वार गम व ग्वार गम आधारित उद्योग चौपट हो रहा है व राज्य के मौजूदा ग्वार/ग्वार गम आधारित उद्योग बंद होने की कगार पर हैं, जिससे लाखों व्यापारी,किसान भाइयों को आर्थिक,मानसिक, शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। वर्तमान में ग्वार प्रोसेसिंग हेतु राज्य के बाहर जाता है तो इससे कृषिमंडी टैक्स की आमदनी एव राजस्थान राज्य को जीएसटी राजस्व की बहुत बड़ी हानि भी हो रही है। यही कच्चा माल अगर प्रदेश में प्रोसेस होगा तो राजस्थान सरकार के जीएसटी राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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ग्वार गम उद्योग को प्रोत्साहित करने एवं कृषि आधारित रोजगार सृजित करने हेतु अन्य राज्यों की भांति ग्वार को कर मुक्त एवं पुराने उद्योगिक इकाइयों को नये उद्योगिक के समानांतर छूट कर बड़ी राहत प्रदान करने की अनुकंपा करने का अनुरोध किया है।