जोधपुर, शहर के भीतरी क्षेत्र जटियों की गली, कुम्हारियों का कुआ क्षेत्र से सोमवार को अपरान्ह बाद घर के सामने खेलते समय लापता हुए एक सात वर्षीय बालक का शव आज सुबह पोलो गाउण्ड के पास सूखे नाले में प्लास्टिक के कट्टे में मिला।
मृतक के गले में फंदा लगा हुआ था। संभवत: उसका गला घोंट कर उसकी हत्या की गई है और उसके बाद शव को सूनसान क्षेत्र में डम्प किया गया।
खांडा फलसा थाना पुलिस ने पूर्व में दर्ज अपहरण के मामले में अब हत्या की धारा जोड़ते हुए अज्ञात हत्यारे की सरगर्मी से तलाश शुरू की है। पूरे शहर का दिल दहला देने वाली यह घटना कई सवालिया निशान छोड़ गई। आखिर इस अमन और शांतिप्रिय शहर में इतनी आपराधिक घटनाएं क्योंकर बढ़ गई।
ऐसे चला पता, पहुंची पुलिस, ढाई घंटे बाद पहचान
बुधवार सुबह चामी पोलो मैदान इलाके के मार्बल का काम करने वाला व्यक्ति शौच के लिए वहां गया तो उसे बड़ी दुर्गंध आई, तब वह पुलिस महानिरीक्षक के बंगले के बाहर खड़े संतरी को बताया।
संतरी ने तुरंत पुलिस को इस दुर्गंध की सूचना दी। सूचना मिलते ही डीसीपी पूर्व धर्मेंद्र सिंह यादव सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जांच में सामने आया कि एक प्लास्टिक के कट्टे में एक मासूम का शव मृत हालत में पड़ा है। जिसे पुलिस ने एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। अब मासूम कौन था? इसकी जांच शुरू की गई।
करीबन ढाई घंटे बाद ही ये पता चल गया कि मासूम खांडा फलसा थाना इलाके के जटियों की गली, कुम्हारियां कुआं निवासी सात साल का हिमांशु पुत्र बंशीलाल प्रजापत ही है जो 4 दिन से लापता था। उसके परिवार वालों ने भी पहचान की।
हत्यारा कौन? अंधेरे का उठाया फायदा
सोमवार 15 मार्च की दोपहर हिमांशु अपनी ही गली में हर रोज की तरह खेल रहा था। लापता होने के बाद पुलिस ने गली में लगे दो सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें दोपहर 2.27 बजे के आस पास उसे अंतिम बार देखा गया, इसके बाद वो किसी फुटेज में नहीं दिखा। वह गली के बाहर व दूसरे इलाके में कहीं नजर नहीं आया। अंधेरे रात में ही उसे ले जाने का पूरा अंदेशा है।
तमाम सीसीटीवी कैमरें खंगाले गए
शहर के तमाम सीसीटीवी हिमांशु की गुमशुदगी होते ही खंगाले गए लेकिन हिमांशु किसी फुटेज में नहीं दिखा। एक बारगी चांदपोल में एक मासूम जरूर दिखा, लेकिन बाद में पुलिस ने जांच में उसे भी खारिज कर दिया।
यानी हिमांशु की हत्या उसी की गली में हुई थी, इसके बाद अंधेरे का फायदा उठा मासूम के शव को एक कट्टे में डाला गया फिर सूनसान जगह पोलो ग्राउंड में फेंक दिया गया।
पोलो ग्राउंड तक कैसे लेकर गया?
दुपहिया वाहन पर ले गए कट्टा, ताकि कोई ना करें शक
बुधवार को पुलिस की टीमें दोपहर से लेकर रात तक हत्यारे का सुराग ढढ़ने में जुटी रही। उसे मारने के बाद पोलो ग्राउण्ड तक कैसे ले जाया गया। गली में चार पहिया निकलने जैसी जगह नहीं है, मगर उसे कट्टे में डालकर किसी दुपहिया वाहन को प्रयुक्त किया होगा।
दुपहिया वाहन को सोचा जाए तो लगता है कि कातिल काफी शातिर है। दुपहिया वाहन पर बॉडी लेकर जाते वक्त कोई पूछताछ नहीं करने वाला होगा और कोई शक भी नहीं जता सकता। हिमांशु जिस गली में रहता था वो 200 फीट लंबी व ढाई फीट संकड़ी गली है। जहां मकान एक दूसरे से सटे हुए व घनी आबादी है।
पुलिस फिरौती के मांगने की कर रही पड़ताल
डीसीपी धर्मेद्र सिंह यादव का कहना है कि फिरौती जैसी बात को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। फिलहाल इस पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
जबकि सूत्रों के अनुसार 16 मार्च की रात व अगले दिन सुबह मासूम के दादा ओमजी को एप के जरिए जिसकी चार डिजिट के नंबर ही होते है, उससे व्हाट्सअप के जरिए दस लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। इसको लेकर मैसेज आना भी बताया जाता है।
हिमांशु के गले में गमछा, जो अमूमन हलवाई रखते है
मौका ए हालात से प्रतीत हुआ कि मासूम हिमांशु की हत्या कपड़े से की गई है। कपड़ा गमछा बताया जाता है। जो अमूमन हलवाई कई बार काम करते वक्त इस्तेमाल करते है।
पारिवारिक स्थिति ये है हलवाई बंशीलाल की
मृतक हिमांशु के पिता बंशीलाल, मुरली व गोपाल तीन भाई है। सभी पिता ओमप्रकाश के साथ एक ही मकान में निवास करते है। ये सभी हलवाई का काम करते हैं। गत एक वर्ष से कोरोना के कारण शादी-ब्याह के आयोजन सीमित होने से परिवार की आय भी प्रभावित हुई।
बंशीलाल के दो बड़ी बेटियों के बाद हिमांशु पैदा हुआ था। उनसे छोटे भाई के एक बेटा व एक बेटी है लेकिन पति-पत्नी में अनबन हो रखी है। ऐसे में पत्नी दोनों बच्चों को लेकर अपने पीहर में है। तीसरे भाई गोपाल के तीन बेटी हैं। ऐसे में वर्तमान में हिमांशु ही घर में एकमात्र पुत्र था। सभी की आंख का तारा बने हिमांशु को पूरे मोहल्ले के लोग जानते थे।