रणथंबोर सहित पांच जोड़ी और ट्रेनें डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलेगी

  • जोधपुर से मन्नारगुड़ी सुपरफास्ट आज से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर
  • रास्ते में इंजन बदलने में लगने वाले समय की होगी बचत
  • रेलवे की डीजल पर निर्भरता कम होगी

जोधपुर,रणथंबोर सहित पांच जोड़ी और ट्रेनें डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलेगी। नव विद्युतीकृत जोधपुर-जयपुर रेल मार्ग पर रणथंबोर सुपरफास्ट सहित पांच जोड़ी और ट्रेनों का इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन प्रारंभ किया जा रहा है।

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उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि मंडल के राइकाबाग से फुलेरा रेलवे स्टेशनों के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा होने के पश्चात ट्रेनों का चरणबद्ध तरीके से डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन किया जा रहा है,जिसके तहत कुछ ट्रेनों का ट्रैक्शन पहले ही बदला जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की उपलब्धता के अनुसार पांच जोड़ी और ट्रेनों का प्रारंभ से अंतिम स्टेशनों तक डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन प्रारंभ किया जा रहा है। इन ट्रेनों का अब तक सवाई माधोपुर में इंजन बदला जा रहा था।

डीआरएम ने बताया कि अब जोधपुर से जयपुर के रास्ते चलने वाली ट्रेन 22673,जोधपुर-मन्नार गुड़ी सुपरफास्ट साप्ताहिक 7 नवंबर,12466,भगत की कोठी- इंदौर रणथंबोर सुपरफास्ट 9 नवंबर, 18574,जोधपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेस साप्ताहिक 9 नवंबर से,20481,जोधपुर-तिरुचिरापल्ली हमसफर सुपरफास्ट साप्ताहिक 13 नवंबर तथा जोधपुर मंडल से गुजरने वाली 20846,बीकानेर-विशाखा पत्तनम सुपरफास्ट द्विसाप्ताहिक 10 नवंबर से डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेगी।

इंजन बदलने में लगने वाले समय की होगी बचत
इन ट्रेनों का वर्तमान में आवागमन में सवाई माधोपुर स्टेशन पर डीजल इंजन बदला जा रहा था लेकिन अब प्रारंभ से अंत तक इलेक्ट्रिक इंजन से संचालन होने से इंजन बदलने में लगने वाले समय की बचत होगी तथा ट्रेनों का संचालन अधिक सुगम होगा।

इलेक्ट्रिक ट्रेनों के है अनेक फ़ायदे
-इलेक्ट्रिक ट्रेनें पर्यावरण के लिए फायदेमंद होती हैं। इनसे प्रदूषण कम होता है और ऊर्जा खपत को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

-इलेक्ट्रिक ट्रेनों से ईंधन की बचत होती है।

-इलेक्ट्रिक ट्रेनों की लागत डीजल ट्रेनों की तुलना में कम होती है।

-इलेक्ट्रिक ट्रेनों की रखरखाव लागत भी कम होती है।

-इलेक्ट्रिक ट्रेनों का जीवनकाल डीज़ल ट्रेनों की तुलना में ज़्यादा होता है।

-इलेक्ट्रिक ट्रेनें शांत चलती हैं और धुआं नहीं छोड़तीं।

– इलेक्ट्रिक इंजन न सिर्फ ईंधन बचाते हैं बल्कि पर्यावरण के प्रति भी एक पॉजिटिव कदम हैैै। इससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आती है बल्कि ऊर्जा खपत को भी नियंत्रण मिलता है। इस कदम से भारतीय रेलवे टिकाऊ विकास की ओर आगे बढ़ा है। इलेक्ट्रिक ट्रेनों से पर्यावरण सरंक्षण भी हो रहा है।

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